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कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तरपुस्तिका का होगा डिजिटल मूल्यांकन

कॉपियों की हेराफेरी और गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अगले माह होने वाली कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कराने का फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jun 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2017 03:00 AM (IST)
कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तरपुस्तिका का होगा डिजिटल मूल्यांकन
कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तरपुस्तिका का होगा डिजिटल मूल्यांकन

भागलपुर। कॉपियों की हेराफेरी और गड़बड़ी पर लगाम लगाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अगले माह होने वाली कंपार्टमेंटल परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कराने का फैसला लिया है।

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शिक्षक स्कैन कॉपी की करेंगे जांच

नई व्यवस्था के तहत शिक्षक अब कम्प्यूटर स्क्रीन पर स्कैन की हुई कॉपियों की जाच करेंगे और नंबर देंगे। इसके बाद सिस्टम खुद ही उसे लॉक कर देगा और टोटल नंबर जोड़कर बता देगा। इससे रिजल्ट भी जल्दी होगी और गड़बड़ी की संभावना भी नहीं रहेगी। अगले साल होनेवाली मैट्रिक-इंटर की परीक्षा में भी इसे लागू किए जाने की योजना है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी फूल बाबू चौधरी ने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से कई फायदे होंगे। एक तो कॉपियों का मूवमेंट नहीं होगा जिससे गड़बड़ियां कम होंगी। बोर्ड इस दिशा में तेजी से कार्य करने में लगा हुआ है।

शिक्षक होंगे टेक्नो फ्रेंडली

इस सिस्टम को लागू करने के लिए शिक्षकों को टेक्नो फ्रेंडली बनाया जाएगा। एजेंसी के माध्यम से उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। मूल्यांकन केंद्र पर तकनीकी टीम को भी बिठाया जाएगा ताकि शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में परेशानी होने पर तत्काल मदद मिल सके।

कॉपियों की होगी बार कोडिंग

कंपार्टमेंटल परीक्षा के बाद जिले की कॉपिया स्ट्रांग रूम में जमा कराई जाएंगी। वहा पर बारकोडिंग के बाद स्ट्रॉग रूम में लगे हाई स्पीड स्कैनर से कॉपी स्कैन किया जाएगा। फिर ये कॉपिया सर्वर में डाल दी जाएंगी, जिसे दूसरे जिले में बनाए गए मूल्यांकन केंद्र पर शिक्षक लॉग इन कर खोलेंगे और कॉपी की जाच करेंगे।

खत्म होगी पुनर्मूल्यांकन की समस्या

इस सिस्टम के लागू होने के बाद पुनर्मूल्याकन की समस्या खत्म हो जाएगी। उत्तरपुस्तिकाओं की टोटलिंग में कोई गलती होने की संभावना नहीं रहेगी। किसी भी प्रश्न का मूल्याकन नहीं छूटेगा। कॉपी गायब होने एवं खो जाने की समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाएगी।

बता दें कि यह व्यवस्था पूर्व के पूरक परीक्षा में भी बोर्ड द्वारा लागू किया गया था पर वार्षिक परीक्षा में यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई।


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