नाक के नीचे से निकल गए हत्यारोपित, पुलिस को नहीं लगी भनक
कजरैली थाना क्षेत्र के गौराचौकी गांव में हुए हिमांशु हत्याकांड के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए बेशक पुलिस खाक छान रही है लेकिन हत्यारोपित पुलिस की नाक के नीचे से निकल गए।
भागलपुर । कजरैली थाना क्षेत्र के गौराचौकी गांव में हुए हिमांशु हत्याकांड के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए बेशक पुलिस खाक छान रही है लेकिन हत्यारोपित पुलिस की नाक के नीचे से निकल गए। इस मामले में अब 15 हत्यारोपित समेत सात अपहरण के आरोपित न्यायालय में सामूहिक आत्मसमर्पण की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वे अब वकीलों के संपर्क में हैं। मगर पुलिस को अब तक किसी का सुराग हाथ नहीं मिल पाया है। शुक्रवार की सुबह गांव के कुछ आरोपितों को भागलपुर न्यायालय में देखा गया था। वे एक अधिवक्ता से मिलने पहुंचे थे। इस बात की सूचना जब तक पुलिस को मिलती वे लोग निकल गये थे।
मवेशी समेत गांव से भाग गए हैं आरोपित
गांव में जिन लोगों को हिमांशु हत्याकांड में आरोपित बनाया गया है, और जिन लोगों पर सोनी के अपहरण का मामला दर्ज हुआ है। वे भी अपने मवेशियों के साथ गांव से फरार हो गए हैं। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि हिमांशु की हत्या के बाद आरोपितों के घरों में मवेशी थे, जिनका देखभाल औरतें करती थीं। मगर सोनी के अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद महिलाएं भी फरार हो गई हैं।
छत पर सुरक्षाकर्मियों के साथ सोता है परिवार
हिमांशु का परिवार हत्यारोपितों के दहशत से रात के समय छत पर सोने को मजबूर है। हिमांशु के भाई अविनाश ने बताया कि पांच जून की घटना के बाद नीचे रहने में डर लगता है। सुरक्षाकर्मियों के होने के बाद भी घर में हमले का डर बना हुआ है। ऐसे में परिवार के सभी लोग रात होते ही खाना खाकर छत पर चले जाते हैं। सुरक्षाकर्मी भी रात भर मुस्तैद रहते हैं। इसके बावजूद घर वालों को फिर भी डर बना रहता है।
जब तक नहीं पकड़े जाते हत्यारोपित बरकरार है खतरा
हिमांशु के परिजन का कहना है कि जब तक हत्यारोपित नहीं पकड़े जाते तब तक उन्हें जान का खतरा बना हुआ है। हत्या के 19 दिन बाद भी अब तक हत्यारोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से परिवार में भय का माहौल बना हुआ है। सबसे ज्यादा खतरा घटना की चश्मदीद हिमांशु की मां जैलस देवी को है। हत्या में शामिल आरोपित जैलस को मारने की फिराक में हैं, ताकि घटना का कोई चश्मदीद न्यायालय में पेश नहीं हो सके। ऐसे में केस को कमजोर करने के लिए वे किसी हद तक जा सकते हैं।
सरेंडर से पूर्व आरोपितों को पकड़ना चुनौती
न्यायालय में सामूहिक आत्मसमर्पण से पहले हत्यारोपितों को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। घटना के इतने दिन बाद भी आरोपितों का नहीं पकड़ना पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है। पुलिस घटना के दिन के बाद एक भी हत्यारोपित को पकड़ने में सफल नहीं हो पाई है। पुलिस ने इसके लिए कई इलाकों में छापेमारी की है। मगर पुलिस की सारी कोशिश बेकार साबित हुई है। पुलिस के कमजोर नेटवर्क के कारण अब तक किसी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
सोनी का सुराग नहीं मिलने से हिमांशु के परिजन बेचैन
हिमांशु की पत्नी सोनी का सुराग नहीं मिलने के कारण हिमांशु का परिवार काफी बेचैन हो है। हिमांशु की मां इस लेकर काफी परेशान है। उनका कहना है कि सोनी घर में सोनी और हिमांशु के घर में होने का आभास होता है। मां ने कहा कि सोनी को उसके घर वालों ने मार डाला है। वह हिमांशु और सोनी के बारे में बात करते हुए रोने लगती है। उन्होंने कहा कि घर में इस तरह डर कर रहने से तो अच्छा था कि सभी को हत्यारोपित मार डालते।