पीरपैंती में संगठन को आधार दे रहे नक्सली
भागलपुर । पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी इलाके से आकर पीरपैंती, गोड्डा, ललमटिया में अपना प्रभाव बना
भागलपुर । पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी इलाके से आकर पीरपैंती, गोड्डा, ललमटिया में अपना प्रभाव बनाने वाले नक्सली नेता शांतिपाल और उसके गुट की समाप्ति बाद शांत हुआ पीरपैंती-ईशीपुर बाराहाट इलाके में एक बार फिर नक्सली सुगबुगाहट शुरू है। पूर्वी बिहार को गुरिल्ला जोन बनाने का सपना देखने वाले शीर्ष नक्सली कमांडर बाबुरी बेंकटरमण, दुर्गा समेत अन्य नक्सली कमांडर ने इस इलाके में संगठन को आधार देने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। खुफिया विभाग को नक्सलियों की आवाजाही के संकेत मिले हैं।
ईनामी नक्सली कमांडर मंटू खैरा के नियंत्रण वाला नक्सलियों का हिरावल दस्ता ईशीपुर बाराहाट में प्रवेश किया है। हिरावल दस्ते में शामिल नक्सलियों की महिला पार्टी ने किर्तनियां, मेंहदी पोखर, झुरखुसिया आदि इलाके में कुछ लोगों को नक्सली साहित्य भी उपलब्ध कराए हैं। स्थानीय स्तर पर भी चर्चा है कि शांतिपाल गुट से कभी ताल्लुक रखने वाले कुछ पुराने पार्टी दस्ते के सदस्य हिरावल दस्ते को दियारा इलाके से भी परिचित कराया है। बांका, जमुई में सक्रिय मंटू खैरा जिला पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों के निशाने से बचने के लिए जिले में हिरावल दस्ते के सहारे सुरक्षित ठिकाना बनाने की फिराक में है। बांका जिले के बेलहर, कटोरिया, जमुई की गिद्धेश्वर पहाड़ी, चरकापत्थल, सोनो आदि इलाके में लगातार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान की वजह से भी नक्सलियों का दस्ता पार्टी के लिए नया आधार क्षेत्र ढृंढने लगा है।
कोट
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जोन के सभी पुलिस अधीक्षक को औरंगाबाद की घटना के बाद एहतियाती तौर पर सतर्क करते हुए इलाके में हो रही नक्सली हलचल पर नजर रखने को कहा गया है।
सुशील मान सिंह खोपड़े
जोनल आइजी, भागलपुर