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जब सीएम नीतीश बोले, लहसुन से छौंक लगाइए, दाल स्‍वादिष्‍ट बनेगी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को बाढ़ प्रभावित जिला पूर्णियां पहुंचे और वहां चल रहे राहत कार्यों का निरीक्षण किया। बारीकी से राशन के पैकेजिंग कार्य का जायजा लिया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 08:41 PM (IST)Updated: Wed, 23 Aug 2017 09:57 AM (IST)
जब सीएम नीतीश बोले, लहसुन से छौंक लगाइए, दाल स्‍वादिष्‍ट बनेगी
जब सीएम नीतीश बोले, लहसुन से छौंक लगाइए, दाल स्‍वादिष्‍ट बनेगी

पूर्णिया [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार शाम करीब पांच बजे सड़क मार्ग से पूर्णिया पहुंचे। सर्किट हाउस में करीब 40 मिनट रुकने के बाद वे बाढ़ राहत कार्य के निरीक्षण के लिए निकल पड़े। सर्किट हाउस से उनका काफिला सीधे पूर्णिया कॉलेज स्थित बाढ़ आपदा पीडि़तों के लिए चल रहे सूखा राशन पैकेजिंग केंद्र पर पहुंचा। यहां केंद्र संख्या पांच व छह पर उन्होंने बारीकी से राशन के पैकेजिंग कार्य का जायजा लिया।

पहले पूर्णिया कॉलेज के बाहरी परिसर स्थित परीक्षा भवन में चल रहे पैकेजिंग केंद्र संख्या पांच पर पहुंचे। यहां उन्होंने मसूर दाल की गुणवत्ता और उसके वजन की जांच की। इसके बाद उन्होंने बारी-बारी से चावल, चना, चूड़ा, चीनी, मसाला, माचिस की क्वालिटी देखी।

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इस दौरान सीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से पैकेजिंग की पूरी जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने गर्म और ताजा चूड़ा की पैेकेजिंग का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चूड़ा की लाइफ 15 दिनों की होती है। इसलिए इसका ताजा होना जरूरी है।

केंद्र पर पैकेजिंग कर रहे कर्मियों से भी उन्होंने जानकारी ली। अलग-अलग आइटम को देखने के बाद मुख्यमंत्री को एक परिवार के लिए तैयार किया गया बोरा भी दिखाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री  केंद्र संख्या छह पहुंचे। यहां भी उन्होंने सोयाबीन सहित अन्य चीजों को भी नजदीक जाकर देखा। मुख्यमंत्री व्यवस्था से संतुष्ट दिखे।

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यहां से मुख्यमंत्री का काफिला सीधे बायसी और डगरूआ के लिए निकल पड़ा। डगरूआ प्रखंड में लालू बालू स्थित आदर्श बाढ़ राहत केंद्र पहुंचे। वहां पर पीडि़तों का हाल पूछा। फिर सीधे रोसोई घर में पहुंचे और खाद्य सामग्री का निरीक्षण किया।

रसोईया को सफाई के साथ भोजन तैयार करने को कहा। इस दौरान उन्होंने रसोईया सुरेश से भोजन तैयार करने की विधि के संबंध में पूछा। उन्होंने रसोईया को दाल में लहसुन का छौंक लगाने को कहा तथा बताया कि इससे दाल स्वादिष्ट बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कम मसाले की सब्जी में बनाने की भी नसीहत दी ताकि पीडि़तों का स्वास्थ्य नहीं बिगड़े। उन्होंने फिर रसोईये से सब्जी को धोने का तरीका पूछा। रसोईया सुरेश ने बताया कि सब्जी काटने के पहले धोते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने बड़े शांत भाव से रसोईये को बताया कि सब्जी स्वास्थ्यवर्धक हो और किसी भी तरह की संक्रमण की आशंका खत्म करने के लिए सब्जी को दो बार धोना आवश्यक है। पीडि़तों के तैयार खाना पूर्णत: हाईजेनिक होना चाहिए।

मुख्यमंत्री शिविर के पास संचालित हो रहे स्वास्थ्य शिविर का भी निरीक्षण करने पहुंचे। शिविर स्थित स्वास्थ्य शिविर में स्वास्थ्य कर्मियों दवा उठाकर पूछा यह किस बीमारी में दी जाती है। उन्होंने पूछा कि कितने तरह की दाव केंद्र पर रखी जाती है। कर्मियों ने बताया कि 41 तरह की दवा महामारी के रोकथाम के लिए हमेशा सभी केंद्रों में रखी जाती है।

इसके अलावा सामान्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए दवा केंद्र में रखी जाती है। उन्होंने कहा कि सभी तरह की जरूरी दवा उपलब्ध रहती है। मुख्यमंत्री ने राहत शिविर का काफी बारिकी से मुआयान किया।  सीएम इस दौरान यहां शिविरों की व्यवस्था से संतुष्ट दिखे और आवश्यक सुधार का निर्देश दिया। वहां उन्होंने विभिन्न बाढ़ राहत केंद्रों पर स्थिति का जायजा लिया और बाढ़ पीडि़तों से स्थिति की जानकारी ली। सीएम बुधवार को किशनगंज और अररिया का दौरा करेंगे। 

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