जलवायु परिवर्तन को चुनौती नहीं अवसर के रूप में लें वैज्ञानिक : कुलपति
भागलपुर । बिहार कृषि विश्वविद्यालय किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन को चुनौती नहीं बनने देगा। उ
भागलपुर । बिहार कृषि विश्वविद्यालय किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन को चुनौती नहीं बनने देगा। उससे मुकाबला करने के लिए शोध को नई दिशा दी जाएगी। किसानों को नई तकनीक एवं उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
उक्त बातें बुधवार को दो दिवसीय 12वीं शोध परिषद की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने कही।
उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को अपने शोध परियोजना में जलवायु परिवर्तन को चुनौती नहीं अवसर के रुप में लेने को कहा।
उन्होंने शोध परियोजना पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ताड़ से नीरा सहित अन्य मूल्यवर्धित पदार्थ तैयार करने की है। इस दिशा में यहां के वैज्ञानिकों का एक दल तामिलनाड़ू भेजा गया है। जो वहां से ज्ञानार्जन कर आए है। विवि ने इस दिशा में शोध परियोजना पर काम प्रारंभ कर दिया है।
कृषि को लाभकारी बनाना आवश्यक
कृषि से युवा विमुख हो रहे हैं। उन्हें जोड़े रखने के लिए कृषि को लाभकारी बनाने की जरुरत है। आने वाले समय में खेती-बारी के लिए मजदूरों की भी समस्या बनेगी। इसके लिए कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ाने देने की जरुरत है।
उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि सह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ब्रह्मा सिंह ने कार्यक्रम का उदघाटन करने के उपरांत कही। उन्होंने जैविक खेती के साथ-साथ दलहन उत्पादन पर भी बल देने को कहा।
प्रसार तंत्र को करें मजबूत
वरीय सस्य वैज्ञानिक डॉ. आरके मलिक ने वैज्ञानिक शोध एवं कृषि तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रसार तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध, शिक्षा, प्रसार एवं प्रशिक्षण के बल पर यह विश्वविद्यालय यूपी, पश्चिम बंगाल एवं बिहार में सबसे अव्वल है।
शोध परियोजना को व्यवहारिक रुप दें वैज्ञानिक
किसानों के हित में की जा रही शोध परियोजना को संपुष्ट करने के लिए उसे व्यवहारिक रुप देने की जरुरत है। वह शोध कितना किसानों के खेतों तक पहुंच पाया है। किसान कहां तक उसे अपना सकें हैं इसकी प्रगति रिपोर्ट आवश्यक है। उक्त बातें राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली के प्राध्यापक डॉ. एनके सिंह ने कही।
शोध एवं तकनीक को साझा करने की जरुरत
संयुक्त कृषि निदेशक योजना जगदेव राम ने परिषद की बैठक में कृषि योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने विवि द्वारा किए गए नए शोध एवं तकनीक को कृषि विभाग के साथ साझा करने पर बल दिया।
इसके पूर्व विवि के निदेशक शोध ने करोड़ों की लागत से विवि में चल रहे कुल 204 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध परियोजनों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विवि ने अब तक 15 प्रभेद एवं 34 नई कृषि तकनीक को विकसित करने में सफलता पाई है। जो संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन प्रसार शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. राम दत्त कर रहे थे। मौके पर विवि से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों एवं शोध संस्थानों के प्राचार्य, प्रभारी, वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।