बैंकों में नहीं लिए जा रहे पांच-दस सिक्के
भागलपुर। आदमपुर के व्यवसायी रमेश कुमार पैसे जमा करने के लिए स्टेट बैंक मुख्य शाखा पहुंचे थ्
भागलपुर। आदमपुर के व्यवसायी रमेश कुमार पैसे जमा करने के लिए स्टेट बैंक मुख्य शाखा पहुंचे थे। उनके पास 15 हजार रुपये के पांच और दस के सिक्के थे। उनकी बारी आई तो काउंटर पर बैठी महिला कर्मी ने सिक्के लेने इनकार कर दिया। पहले कहा कि सौ-सौ सिक्के का एक-एक बैग (पारदर्शी पालिथिन) तैयार करें, फिर लेकर आएं।
पहली बार सुबह 11 बजे बैंक पहुंचे रमेश सौ-सौ सिक्कों का बैग तैयार कर दूसरी बार करीब ढाई बजे बैंक आए। साढ़े तीन बजे फिर से काउंटर पर पहुंचे तो कर्मी ने कहा कि अभी इसे गिन पाने का समय नहीं है। दूसरे दिन आइए। रमेश इसके बाद निचले तल में उप प्रबंधक के पास पहुंचे पर वहां भी अधिकारी ने हाथ खड़े कर दिए। काफी प्रयास के बावजूद बैंक ने सिक्के जमा नहीं लिए तो रमेश बैंक प्रबंधन को कोसते हुए वापस घर लौट गए। रमेश के मुताबिक उनका एक खाता इलाहाबाद बैंक में भी है। तीन दिन वहां भी सिक्का जमा करने का प्रयास किया, पर सफल नहीं होने पर यहां आया था।
रमेश इकलौते व्यक्ति नहीं हैं। नोटबंदी के बाद सिक्के और कटे-फटे (स्वाइल्ड) नोट को बैंकों में जमा करना लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। आरबीआइ से जुड़े अधिकारियों के अनुसार नोटबंदी के बाद दस करोड़ रुपये के सिक्के बाजार में दिए गए हैं। पैसों की कमी को दूर करने के लिए आरबीआइ ने बैंकों के माध्यम से सारे स्वाइल्ड नोट को भी बाजार में उतार दिया। शुरू में लोग ऐसे नोट और सिक्के नहीं लेना चाह रहे थे, पर मजबूरी में लेने लगे थे। इधर अब जबकि कटे-फटे नोट और सिक्के वापस लौट तो बैंक आसानी से नहीं ले रहे हैं। बैंकर्स यहां आरबीआइ के गाइड लाइन का हवाला देते हैं कि सिक्कों को अधिक से अधिक बाजार में चलाते रहना है। एक बैंकर के मुताबिक सिक्के गिनने में अधिक वक्त लगता है और इससे काउंटर खड़े अन्य लोग बैंकर्स पर ही धीमा काम करने का आरोप लगाने लगते हैं, सो काउंटर पर बैठा कर्मचारी सिक्के लेने से मना करता है।
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यह सही है कि आरबीआइ के गाइड लाइन के मुताबिक हमें सिक्का बाजार में चलाने के लिए ग्राहकों को देना है। पर बैंक में सिक्का जमा लेने से मना नहीं किया जा सकता। यह लीगल टेंडर है। अगर कोई मना करता है तो यह गलत है।
भवेश कुमार खां
मुख्य प्रबंधक, एसबीआइ
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घंटाघर शाखा में सिक्का लेने से कोई बैंकर मना नहीं कर सकता है। हमारी शाखा में सिक्का जमा लिया जा रहा है। अगर किसी और शाखा में ऐसा हो रहा है मैं इस संदर्भ में बात करूंगा।
राजीव कुमार राय
प्रबंधक, इलाहाबाद बैंक