तिलकामांझी विवि में बड़ा खेल, 576 फेल छात्र भी हो गये पास
भागलपुर के तिलकामांझी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का पता चला है। विश्वविद्यालय में 576 फेल छात्र भी पास हो गए हैं। कुछ छात्र तो एेसे हैं जिन्होंने परीक्षा भी नहीं दी और पास कर गए
भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में फेल छात्रों को पास करने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। विवि ने स्नातक पार्ट वन कॉमर्स के 576 फेल छात्रों को पास कर दिया। जिन्हें 17 नंबर मिले थे उन्हें 47 से लेकर 77 तक नंबर दे दिए।
हद यह कि एक ही पंजीयन संख्या पर कई छात्रों को अलग-अलग रोल नंबर तक दे दिए गए। मामला तब खुला जब मारवाड़ी कॉलेज की जगह विश्वविद्यालय के सिंडिकेट हॉल में टेबुलेशन का कार्य शुरू हुआ। मारवाड़ी कॉलेज में स्नातक पार्ट वन की कॉपियों की जांच हुई थी। कॉपियों की जांच के बाद अंकपत्र भी कॉलेज में ही चढ़ाए गए थे।
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अंकपत्र में गड़बड़ी की शिकायत के बाद कुलपति डॉ. क्षेमेंद्र कुमार सिंह ने टेबुलेशन का कार्य कुलपति कक्ष के सामने सिंडिकेट हॉल में कराने का निर्णय लिया था। टीएनबी कॉलेज के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. योगेन्द्र के नेतृत्व में टेबुलेशन का कार्य एक सप्ताह से जारी है। तभी टेबुलेशन के दौरान व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईं।
स्नातक कॉमर्स पार्ट वन में एमएम कॉलेज के 102 छात्रों के अंक टेबुलेशन रजिस्टर पर चढ़ाए ही नहीं गए जबकि अंकपत्र पर अंक चढ़े हुए हैं। 44 छात्रों के अंक मार्कशीट में नहीं चढ़ाए गए हैं जबकि कॉपी में अंक मौजूद है। कॉरपोरेट ऑनर्स के 14 छात्रों के अंक अकाउंट ऑनर्स के अंकपत्र में चढ़ा दिए गए हैं। अकाउंट ऑनर्स के दो छात्रों के अंक कॉरपोरेट ऑनर्स में हैं।
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एमएम कॉलेज व पीएनए कॉलेज के छात्रों का अंक एक ही अंकपत्र व टेबुलेशन रजिस्टर में है। बीएससी के रजिस्टर में कॉमर्स के छात्रों का अंक हैं। 209 छात्रों का रोल नंबर ही बदल दिया गया है। इनमें दस ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने परीक्षा ही नहीं दी लेकिन उनके अंकपत्र पत्र बनकर तैयार हो गए।
मामला पकड़ में आने के बाद कंप्यूटर सेंटर के कर्मी ने डर से कुलपति को लिखित रूप में सफाई दी है कि रसूखदार लोगों के दबाव के कारण अंकों में हेराफेरी की गई है। वहीं ऐसी सूचना मिली है कि कर्मियों ने ऐसे लोगों के नाम भी बताए हैं, जिनके दबाव के कारण अंकों में हेराफेरी की गई है।’
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