बिहार: बढ़ता ता रहा 'सृजन घोटाला' का दायरा, अब तक सात FIR, सात को जेल
बिहार के भागलपुर में उजागर हुए सृजन घोटाला का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इस सिलसिले में अब तक सात एफआइआर दर्ज किए जा चुके हैं। सात आरोपितों को जेल भी भेजा जा चुका है।
भागलपुर [जेएनएन]। बिहार के भागलपुर में उजागर 'सृजन घोटाला' में शनिवार तक सात एफआइआर दर्ज हो चुके थे। गिरफ्तार किए गए सात लोगों को जेल भेजा जा चुका है। विदित हो कि इस घोटाला का आकार लगातार बए़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर इसकी जांच के दौरान कई सफेदपोशों की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है।
महाघोटाले में कल्याण विभाग के 100 करोड़ की और हेराफेरी का पता चला है। अब तक 750 करोड़ करोड़ के गबन के मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग में भी 50 लाख के गबन का मामला उजागर हुआ है। सहरसा में हेराफेरी की जांच में पता चला है कि खाते में 162 करोड़ की रकम लौटा दी गई है, लेकिन उसका इस्तेमाल लंबे समय तक किया गया।
बैंक मैनेजर की होगी गिरफ्तारी
भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने कहा कि इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा का पूर्व प्रबंधक एके सिंह की गिरफ्तारी होगी। शनिवार को भी इस मामले में आधा दर्जन बैंक कर्मियों पर पूछताछ की गई। जेल भेजे गए सात आरोपितों को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ की जाएगी।
मनोरमा के बेटे-बहू का पासपोर्ट जब्त होगा
एसएसपी ने यह भी बताया कि मनोरमा देवी के बेटे और बहू का पासपोर्ट भी जब्त किया जाएगा। इस मामले को लेकर एसएसपी ने क्षेत्रीय पासपोर्ट पदाधिकारी, पटना को पत्र भी लिखा है। घोटाले में बैंककर्मी अजय पांडेय का ड्राइवर विनोद की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। उससे भी इस मामले में जानकारी ली जा रही है। विनोद सृजन की मालकिन मनोरमा देवी का भी ड्राइवर रहा था। मनोरमा देवी को बैंक से विनोद ने ही फर्जी चेक बुक उपलब्ध कराया था। इसी तीन चेक से हाल में रुपये की निकासी हुई थी।
कल्याण विभाग में 100 करोड़ की हेराफेरी
भू-अर्जन के बाद भागलपुर में सबसे ज्यादा कल्याण विभाग में राशि की हेरफेर की गई है। इस विभाग में करीब 100 करोड़ का हेरफेर किया गया है। जांच कर रही टीम ने सुबह सिविल सर्जन कार्यालय में छापेमारी की। वहां का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में ही है। इसी शाखा से करीब पचास लाख रुपये सृजन के खाते में जमा हुए हैं। यहां से कागजात जुटाने के बाद टीम ने बैंक पहुंचकर भी कुछ कागजात जुटाए। सबसे ज्यादा कल्याण विभाग में घालमेल है।
जेल भेजे गए सात आरोपित
गिरफ्तार किए गए भागलपुर के डीएम के पीए प्रेम कुमार सहित सात आरोपितों को जेल भेज दिया गया। सूचना है कि इतने बड़े घोटाले के उजागर होने के बाद जिलाधिकारी आदेश तितरमारे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यद्यपि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि गिरफ्तार सात लोगों से पूछताछ में स्वास्थ्य विभाग और कल्याण विभाग में हुए घोटाले की जानकारी मिली। स्वास्थ्य विभाग की राशि छोटी होने के कारण उसका तुरंत पता चल गया है, लेकिन कल्याण विभाग की जांच में समय लग रहा है। अगले 24 घंटों में इस राशि की भी जानकारी सामने आ जाएगी। बाकी विभागों के खातों की भी जानकारी ली जा रही है।
नोडल अधिकारी बनाए गए
एसएसपी और आर्थिक अपराध इकाई के एसपी राशिद जमां ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने जांच आगे बढ़ाने के लिए नोडल अफसर नियुक्त करने की मांग की। इस पर जिलाधिकारी ने सीनियर एडीएम इबरार आलम को नियुक्त कर दिया। वह जरूरी कागजात आर्थिक अपराध इकाई को उपलब्ध कराएंगे। दस वर्षों से कार्यरत नजारत कर्मचारियों की सूची भी मांगी गई है, ताकि इन लोगों की पड़ताल की जा सके। उनसे पता चल सकेगा कि किस जिलाधिकारी की भूमिका क्या थी।
पुराने अधिकारियों से होगी पूछताछ
2007 से लेकर अब तक जो भी जिलाधिकारी रहे, उनसे भी पूछताछ की जा सकती है। बुधवार को आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम भागलपुर पहुंची थी। उसके बाद टीम लगातार छापेमारी कर रही है। अभी बैंक, प्रशासनिक अफसर और व्यापारियों पर फोकस कर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
सृजन की प्रबंधकारणी निलंबित
सृजन में बड़े घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी सुभाष कुमार ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की प्रबंधकारणी को बिहार को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 1935 की धारा 41 के तहत छह माह के लिए निलंबित कर दी है। बहरहाल सृजन का विशेष कार्य पदाधिकारी नाथनगर के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी रंजीत शंकर प्रसाद को बनाया गया है।
किस विभाग में कितने की हुई हेराफेरी
- भू अर्जन : 275 करोड़
- को-ऑपरेटिव : 48 करोड़
- जिला परिषद, डीआरडीए : 56 करोड़
- नजारत : 93 करोड़
- डूडा : 10 करोड़
- कल्याण : 6 करोड़ (प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है)
- कल्याण : 100 करोड़ (प्राथमिकी दर्ज होना बाकी है )
- स्वास्थ्य : 50 लाख
- सहरसा (विशेष भू अर्जन) : 162 करोड़ (बाद में खाते में राशि आ गई)
(कुल : 750 करोड़