Move to Jagran APP

क्लीनिक में लगी आग, बाल-बाल बचे मासूम

भागलपुर। कचहरी चौक स्थित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष रंजन की क्लीनिक में शार्ट सर्किट से आग लग गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 02:14 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 02:14 AM (IST)
क्लीनिक में लगी आग, बाल-बाल बचे मासूम
क्लीनिक में लगी आग, बाल-बाल बचे मासूम

भागलपुर। कचहरी चौक स्थित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष रंजन की क्लीनिक में शार्ट सर्किट से आग लग गई। इससे क्लीनिक में भगदड़ मच गई। क्लीनिक में भर्ती बच्चे को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। आग बुझाने के लिए अग्निशामक दस्ते को बुलाना पड़ गया।

loksabha election banner

यह क्लीनिक प्रसिद्ध युवा फिजिशियन डॉ. कुमार सौरभ की क्लीनिक से पीछे दो तल में अवस्थित है। यहां मरीजों को भी भर्ती लिया जाता है। दोनों तल पर विभिन्न श्रेणी का वार्ड है। डॉक्टर ऊपर वाले तल पर बैठते हैं। घटना सुबह आठ बजे की है। डॉक्टर क्लीनिक में थे आसपास के लोगों ने बताया कि डॉक्टर का क्लीनिक अंदर से बंद था। अचानक नीचे वाले तल से पट-पट की तेज आवाज आने लगी। ऐसी आवाज आग लगने के बाद किसी चीज के फटने पर आती है। डॉक्टर उस वक्त क्लीनिक पर नहीं थे। सो ऊपरी तल पर कंपाउंडर को मोबाइल पर जानकारी दी गई। उसने आकर नीचे दरवाजा खोला तो जमीनी तल स्थित वार्ड की दीवार पर बिजली का तार और पाइप लकड़ी, मीटर आदि जल रहा था। आग की लपट से अधिक धुंआ निकल रहा था। इसे क्लीनिक और आसपास की दुकानों में रखे अग्निशामन सिलेंडर से बुझाने का प्रयास किया गया, पर सफलता नहीं मिली। चूंकि करंट प्रवाहित था सो अग्निशामन विभाग को सूचना दी गई। अग्निशामक दस्ते ने आकर आग पर नियंत्रण पाया और बड़ी घटना होते-होते बची।

=======

मरीज को किया गया अन्यत्र शिफ्ट

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने की सूचना पर डॉक्टर मौके पर पहुंच गए। क्लीनिक में एक बच्चा भर्ती था। मरीज के परिजन भी थे। धुंआ नीचे वाले पूरे वार्ड में भरकर ऊपरी तल के वार्ड में भी प्रवेश कर चुका था। इससे दम घुटने जैसी स्थिति बन रही थी सो भर्ती बच्चे को तत्काल दूसरी जगह शिफ्ट किया गया।

=======

अग्निशामन के पांच सिलेंडर नहीं बुझा पाए आग

घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों में रखे जाने वाले अग्निशामन सिलेंडर प्रभावी नहीं हैं। इसका ज्वलंत प्रमाण इस क्लीनिक में लगी आग बनी। क्लीनिक में यह सिलेंडर रखा गया था। आग लगने पर इसका प्रयोग किया गया पर इससे आग नहीं बुझी। आग मुख्य रूप से मीटर के आसपास लगी थी और बिजली के तार-पाइप और दीवार के पेंटिंग के माध्यम से बढ़ती ही जा रही थी। लोगों ने आसपास की दुकानों और क्लीनिकों से पांच सिलेंडर लाकर उपयोग किया, पर आग तब भी नहीं बुझी। यह स्थिति बाजार में मिलने वाले अग्निशामन सिलेंडर की गुणवत्ता और उपयोगिता पर सवाल खड़े कर रही है। हालांकि अग्निशामन कर्मी अशोक के अनुसार सिलेंडर का उपयोग करने ही लोगों को नहीं आया होगा। लोगों को आग के मुख्य बिंदु पर छिड़काव करना चाहिए, पर शायद वे धुंआ पर छिड़काव कर रहे होंगे और धुंआ से धुंआ बुझता नहीं है।

======


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.