अनाज से वंचित हो जाएंगे दो लाख उपभोक्ता
भागलपुर। एसएफसी के एमडी के ट्रैक्टर परिचालन पर रोक के निर्देश के बाद डीलरों की दुकान तक अनाज नहीं पह
भागलपुर। एसएफसी के एमडी के ट्रैक्टर परिचालन पर रोक के निर्देश के बाद डीलरों की दुकान तक अनाज नहीं पहुंच रहा है। अभी तक मात्र 20 फीसद ही अनाज का वितरण डीलरों के बीच किया गया है। दुकानों तक अनाज पहुंचाने की यही रंफ्तार रही तो माह के अंत तक 40 फीसद ही अनाज उपभोक्ताओं तक पहुंच पायेगा। शेष 60 फीसद उपभोक्ताओं को अनाज नहीं मिल सकेगा। इससे करीब दो लाख उपभोक्ता महीने के अंत तक अनाज से वंचित हो जाएंगे। जब कि एसएफसी के गोदामों में पर्याप्त अनाज का भंडार है। डोर स्टेप डिलीवरी में 185 ट्रैक्टरों का परिचालन हो रहा था। सरकार ने अब वैसे ही गाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी है जिसमें लोड सेल (एक प्रकार का यंत्र) लगा हुआ हो। ट्रैक्टर में यह यंत्र नहीं लगता है। सबसे अधिक कठिनाई ग्रामीण व दियारा क्षेत्रों में है जहां अब तक ट्रैक्टर ही एक मात्र साधन रहा है। जिले में जन वितरण प्रणाली के करीब 1350 डीलर हैं। ट्रैक्टरों का परिचालन बंद होने से तत्काल दो लाख से अधिक परिवारों को फरवरी माह में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जाएगा।
उधर, फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव चंदन कुमार ने दावा किया है कि अभी जनवरी का 60 फीसद ही अनाज का वितरण हुआ है। फरवरी माह के कोटे का अनाज किसी भी उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचा है। फरवरी के प्रथम सप्ताह से ही यह संकट बना हुआ है। चंदन ने कहा कि जिन दुकानों में संवेदक माल पहुंचा रहे हैं वहां वे डीलरों से अनलोडिंग चार्ज जबरन मांग रहे हैं। जबकि डीएम ने दिसम्बर में बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी स्थिति में डीलरों से अनलोडिंग चार्ज नहीं लेना है। एसोसिएशन का आरोप है कि संवेदक और उनके साथी डीलरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं।
'' अब तक 72 वाहनों में ही लोड सेल लगा है। जब कि 200 से अधिक वाहनों में संवेदकों को लगाना है। इसी वजह से वितरण की स्थिति 20 फीसद के करीब है। सामान्य होने में 15 दिन और लगेंगे।
गुलाब हुसैन, जिला प्रबंधक, एसएफसी।