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सिस्टम का टूटा दम, आवाम हो रही बेदम

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्र] भागलपुर में ट्रैफिक सिस्टम दम तोड़ चुका है। लचर यातायात व्यवस्था की वजह

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 03:31 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 03:31 AM (IST)
सिस्टम का टूटा दम, आवाम हो रही बेदम

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्र]

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भागलपुर में ट्रैफिक सिस्टम दम तोड़ चुका है। लचर यातायात व्यवस्था की वजह से कई लोगों की सड़क हादसे में अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से यातायात नियम को ताक पर रख चालक सड़कों पर गाड़ियां चला रहे हैं। नाबालिग व्यावसायिक वाहन चला रहे हैं। लेकिन इसे रोकने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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अप्रशिक्षित जवानों के भरोसे ट्रैफिक व्यवस्था

संसाधन विहीन मुट्ठी भर जवानों पर शहर के ट्रैफिक का बोझ है। 60 जवानों में अधिकांश प्रशिक्षित नहीं हैं। नतीजतन, ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है। इसके चलते आए दिन सड़क हादसे भी होते रहे हैं।

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बिना ड्राइविंग लाइसेंस के चालक दौड़ा रहे वाहन

वाहन चालक यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। करीब 25 फीसद चालक बिना लाइसेंस के ही वाहन चला रहे हैं। बिना नंबर की गाड़ियां दौड़ाने वाले लोग शायद इसे अपनी शान समझते हैं। युवाओं की लहरिया कट बाइक चलाना फैशन में शामिल हो चुका है। बिना हेलमेट 65 फीसद चालक दुपहिया वाहन चला रहे हैं। शहर में यातायात नियमों, वाहनों का निबंधन व परमिट सही पैमानों पर जारी होने के दावे तो विभाग द्वारा किए जाते हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि नियमों का उचित पालन नहीं हो रहा है।

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छह साल बाद भी नहीं बना ट्रैफिक थाना

लचर ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मई, 2011 में ट्रैफिक थाने को मंजूरी मिलने के बाद शहरवासियों को लगा था कि उन्हें जल्द ही जाम से निजात मिल जाएगी, परंतु ऐसा हुआ नहीं। जमीन के अभाव में थाने का भवन नहीं बन सका। जिनके जिम्मे शहर की यातायात व्यवस्था की कमान है वर्तमान में कोतवाली थाने के एक कमरे में ट्रैफिक थाना चल रहा है। सरकार ने डीएम को थाने के लिए जमीन मुहैया कराने का निर्देश दिया था। लेकिन अब तक जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। जगह के अभाव में पकड़े गए वाहनों को सड़क किनारे लगाए जाते हैं। हालांकि डीएसपी को मोटर वाहन अधिनियम के तहत ऑन द स्पॉट फाइन का अधिकार मिला है। ऑन द स्पॉट वाहनों से जुर्माना भी वसूले जा रहे हैं।

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नहीं है पार्किंग की व्यवस्था, सड़क किनारे बेतरतीब लगाए जाते वाहन

सिल्क सिटी में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। लोगों को सड़क किनारे ही अपने वाहनों को खड़ा करना पड़ता है। बेतरतीब वाहन खड़े के कारण सड़कों की चौड़ाई और भी कम हो जाती है। इसके कारण आवागमन की समस्या खड़ी होने के साथ-साथ प्रतिदिन आवाम को जाम से जूझना पड़ता है।

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आगे निकलने की होड़ में होती है दुर्घटना

मंजिल तक पहुंचने की जल्दबाजी में वाहन चालकों में आगे बढ़ने की होड़ लगी रहती है। वहीं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर चालकों द्वारा गलत दिशा में वाहन चलाए जाते हैं। चालकों ऐसी प्रवृति भी सड़क हादसे का कारण बन रही है।

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कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति

विभागीय अधिकारी और पुलिस प्रशासन यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा करते हैं। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। न तो वाहन चलाने वाले नाबालिग और यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है।

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सजा का है प्रावधान

बिना लाइसेंस और नशे की हालत में गाड़ी चलाने पर जुर्माना के साथ ही सजा का प्रावधान है। इसमें तीन से छह माह तक सजा हो सकती है। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अल्कोहल की जांच के लिए परिवहन विभाग और पुलिस के पास ब्रेथ टेस्टर है।

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बल की कमी के कारण नियमित नहीं होती गाड़ियों की जांच

समस्याओं से घिरे परिवहन विभाग में कार्यालय कर्मियों की कमी है ही जरूरत के अनुसार जवानों की कमी है। परिवहन विभाग होमगार्ड के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बलों की कमी के कारण परिवहन विभाग के अधिकारियों को वाहन चेकिंग, ओवरलोड व खटारा वाहनों की धर-पकड़ की कार्रवाई में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एमवीआई एक्ट व यातायात नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है।

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हादसों के आंकड़े

वर्ष 2016 में अब तक तकरीबन 150 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 85 से अधिक लोगों की मृत्यु तक हो चुकी है।

जनवरी-19

फरवरी-16

मार्च-17

अप्रैल-20

मई-14

जून-18

जुलाई-19

अगस्त-17

सितंबर-12

अक्टूबर-15

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कोट

जहां-तहां गाड़ियां लगाने तथा आगे बढ़ने के चक्कर में बीच में वाहनों के घुसाने के कारण जाम लगता है। सड़कों की चौड़ीकरण कर डिवाइडर बनाने तथा वाहन पार्किंग की व्यवस्था होने से समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा। अक्सर वाहन चेकिंग कराई जाती है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

-रंजन कुमार, यातायात प्रभारी।


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