अब स्मार्ट सिटी कंपनी के निंबधन में पेंच
भागलपुर । स्मार्ट सिटी योजना के लिए एसपीवी का गठन होने के बावजूद इसके निबंधन की प्रक्रिया अंतिम चरण
भागलपुर । स्मार्ट सिटी योजना के लिए एसपीवी का गठन होने के बावजूद इसके निबंधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में उलझकर रह गई है। स्मार्ट सिटी भागलपुर कंपनी लिमिटेड के निबंधन के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स भारत सरकार से आवेदन किया गया है। निबंधन के लिए नगर विकास व आवास विभाग को 2.5 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में देना होगा। इसके बाद ही निबंधन की प्रकिया पूरी हो सकेगी।
बताया जाता है कि विभाग ने इसके लिए निबंधन शुल्क भी जारी कर दिया है। निबंधन की प्रकिया पूरी करने के लिए स्पर को माध्यम बनाया गया है। अब निबंधन की राशि भुगतान करने की प्रकिया काफी जटिल हो गई है। आरटीजीएस के माध्यम से निबंधन शाखा को जारी राशि का भुगतान किया जाना है, लेकिन राशि स्थानांतरित होने में तकनीकी पेंच फंस गया है। हालांकि विभाग इस पेंच को एक सप्ताह में सुलझा लेने का दावा कर रहा है।
गलत नाम का हुआ प्रकाशन, सुधार में लग गया एक माह :
इससे पूर्व विभाग द्वारा स्मार्ट सिटी में एसपीवी के लिए जारी संकल्प पत्र में निदेशक मंडल के नाम में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव का नाम प्रकाशित कर दिया था। जबकि प्रधान सचिव द्वारा प्रतिनियुक्त एक प्रतिनिधि को एसपीवी में रखना था। सुधार की प्रकिया में करीब एक माह तक का समय लग गया है। जिसके कारण तकनीकी पेंच फंस गया है। प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि निबंधन की प्रकिया पूर्ण हो गई है। एक-दो दिन में निबंधन हो जाएगा।
अब तक कहां पहुंची योजना :
स्मार्ट सिटी के लिए निदेशक मंडल का चयन कर लिया गया है। योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए निगम की ओर से प्रयास भी किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं स्पर के पांच सदस्यीय एक्सपर्ट को भी स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने में मदद के लिए भेज दिया गया है। लेकिन यह सबकुछ स्मार्ट सिटी भागलपुर कंपनी लिमिटेड के निबंधन के बाद ही साकार हो सकता है। निबंधन की प्रकिया में नोटबंदी की काली छाया पड़ गई है।
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कोट
एसपीवी के लिए राशि का आवंटन कर दिया गया है। निबंधन की प्रकिया में विलंब होने की जानकारी ली जाएगी। योजना पर शीघ्र ही कार्य होना है।
-महेश्वर हजारी, मंत्री, नगर विकास व आवास मंत्री