बिचौलियों पर नकेल कसें तभी होगा बुनकरों का उत्थान : सांसद
भागलपुर। बुनकरों से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की दरकार है। बिचौलियों पर नकेल कसे बिना बुनकरों
भागलपुर। बुनकरों से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की दरकार है। बिचौलियों पर नकेल कसे बिना बुनकरों का उत्थान संभव नहीं है। इसके लिए विभागीय अधिकारी को सक्रिय होना पड़ेगा। ये बातें सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने कही। वे शुक्रवार को कचहरी चौक स्थित एक होटल में पावरलूम उद्योग के विकास हेतु पहल व उपलब्ध सरकारी योजनाओं पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन वस्त्र आयुक्त के क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता व पावरलूम सर्विस सेंटर भागलपुर द्वारा किया गया था। कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद सांसद ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ सभी आगे आएं और योजनाओं का लाभ उठाएं। कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने बुनकरों से सुझाव मांगे। उन्होंने बुनकरों की समस्या के समाधान के लिए हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
इबरार अंसारी ने इन सेतु योजना ऑफ प्लेन पावरलूम के अंतर्गत बुनकरों से केवल 10 फीसद मूल्य का डीडी लेकर शेष राशि सरकार द्वारा कंपनी को पहले भुगतान कर बुनकरों को डॉबी जेकार्ड आदि देने की मांग की।
छात्रवृत्ति 1000 करने की मांग
हसनैन अंसारी ने बुनकर छात्रवृत्ति 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग की। बुनकर नेता अवध किशोर प्रसाद ने धागे की कीमत को नियंत्रित करने की मांग की।
डीडीओ टेक्सटाइल राजेंद्र प्रसाद ने पावरलूम उद्योग के विकास से संबंधित योजनाओं के बारे में चर्चा की।
इससे पूर्व पावरलूम सर्विस सेंटर के प्रभारी अधिकारी एके भट्टाचार्य ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना से बुनकरों को आधुनिक पावरलूम खरीदारी करने पर 10 फीसद की सब्सिडी केंद्र सरकार देगी। वहीं डाइंग से संबंधित मशीन पर 15 फीसद सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इन सेतु अपग्रेडेशन आफ प्लेन पावरलूम योजना पर भी वस्त्र मंत्रालय द्वारा भारी सब्सिडी दी जा रही है।
पावरलूम के पुराने पार्टस बदलने के लिए सामान्य व ओबीसी वर्ग के बुनकरों को 90 फीसद, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को 100 फीसद अनुदान दिया जाएगा। हालांकि बुनकरों को पार्टस पहले लगाना होगा। समूह बीमा योजना से बुनकरों को जोड़ा गया है। इसके लिए उन्हें 80 रुपये प्रतिवर्ष देना होगा।
सार्वजनिक सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए 70 फीसद अनुदान का प्रावधान है। जबकि 30 फीसद बुनकरों के ग्रुप को स्वयं देना होगा। इस योजना से जुड़़ने के लिए 15 से 20 बुनकरों को एक कंपनी बनानी होगी। इसका मालिकाना हक किसी का नहीं होगा। कंपनी की तरह यह चलेगी।
यार्न बैंक के लिए सब्सिडी देने की योजना
यार्न बैंक के लिए एक करोड़ रुपये सब्सिडी देने की योजना है। इसके लिए कंपनी बनाना अनिवार्य है। जितनी राशि लाभुक देंगे, उतनी ही राशि सरकार देगी। एक करोड़ रुपये में 25 लाख की बैंक गारंटी देनी होगी। मॉडिफाइड ग्रुप वर्क शेड योजना के लिए भी बुनकरों को कंपनी बनानी होगी। इसके लिए कम से कम चार लोग और 48 पावरलूम होना अनिवार्य है। इस योजना से शेड निर्माण के लिए 300 रुपये वर्ग फीट की दर से लाभ दिया जाएगा। एक कंपनी को अधिकतम 22 लाख रुपये दिए जाएंगे।