फिर संवरेगा मलमली शहर
भागलपुर । स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद अपना मलमली शहर (सिल्क सिटी) फिर से संवर जाएगा। अंग्रेजो
भागलपुर । स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद अपना मलमली शहर (सिल्क सिटी) फिर से संवर जाएगा। अंग्रेजों ने इस शहर को कायदे से बसाया था पर अनियोजित विकास ने इसे संकरा व कंक्रीट के जंगलों में तब्दील कर दिया। अब आधुनिक तरीके से इसका विकास होगा। जगह-जगह स्लोगन लिखे होंगे- मुस्कुराइए, आप भागलपुर शहर में हैं।
हालांकि स्मार्ट सिटी के प्रारूप को लेकर भागलपुर की जनता दुविधा में है। वह पूछ रही है क्या वाकई मेट्रोपोलिटन शहरों की तरह चमचमाने लगेगा अपना भागलपुर। सब कुछ ठीक-ठाक चला तो उम्मीद है कि थोड़े ही दिनों बाद उनकी जिज्ञासा और दुविधा स्वत: शांत हो जाएगी।
वर्तमान भागलपुर में नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव
भागलपुर स्मार्ट सिटी में शामिल तो हो गया पर यहां अभी भी नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां न तो बीच बाजार में बैठने की व्यवस्था है और न हीं यूरिनल। इससे सबसे अधिक परेशानी वृद्धों, महिलाओं व बच्चों को हो रही है। स्मार्ट सिटी बनने के बाद इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
अरबों रुपये खर्च हुए नतीजा सिफर
शहर में आधारभूत संरचनाओं के नाम पर अरबों रुपये खर्च हुए पर नतीजा ढाक के तीन पात साबित हुआ। विकास कहां हुआ, इतने पैसे कहां खर्च हुए यह लोगों की समझ में नहीं आ रहा है। जानकार बताते हैं कि फूल प्रूफ प्लानिंग किए बिना खर्च किए जाने के कारण ऐसा लग रहा है।
साईकिल भी चलाना मुश्किल
अनियोजित विकास और अतिक्रमण ने फुटपाथ तक को लील लिया है। दावे सिटी बस सेवा और मेट्रो चलाने की हुई पर हकीकत में यहां की सड़कों पर तीन पहिया वाहन तो दूर साईकिल व मोटरसाइकिल चलाने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। लिहाजा शहरवासी पुराने ढांचे में बदलाव की वकालत कर रहे हैं। वे सब कुछ सुनियोजित और व्यवस्थित चाहते हैं।
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जगी विकास की उम्मीद
स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद अब लोगों में विकास की उम्मीद जगी है। इसकी राशि से चौड़ी सड़कें, नियोजित ट्रैफिक, हरित पट्टी, ट्रांसर्पोटेशन सिस्टम, स्वास्थ्य, पर्यावरण, जलापूर्ति, जलनिकासी समेत तमाम चीजों का विकास होगा। स्मार्ट सिटी के डीपीआर में शहर को नियोजित करने के लिए प्लान तैयार किया गया है।
कैसे भागलपुर बनेगा स्मार्ट
- शहर की प्रमुख सड़कें चौड़ी होंगी।
- इससे आवागमन सुचारू होगा।
- जाम की समस्या कम होगी।
- प्रमुख स्थानों पर पार्किंग की सुविधा होगी।
- फुटकर दुकानदारों के लिए भेंडिंग जोन बनाया जाएगा।
- वर्तमान में नाथनगर के कर्णगढ़ मैदान के समीप भेंडिंग जोन निर्माण की योजना प्रस्तावित है।
- जगह-जगह हाई मास्ट लाइटें लगाई जाएंगी
- वाई-फाई की सुविधा होगी, ट्रैफिक सिंगनल लगेगा
- एलईडी लाइट से जगमग होगी सड़कें
- जेब्रा क्रॉसिंग बनाया जाएगा
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अनियोजित विकास
सबसे बड़ी समस्या अनियोजित विकास की है। मास्टर प्लान बना पर उसपर अभी तक जिला प्रशासन की ओर से मंथन जारी है। विकास के नाम पर शहर में कई जगह मनमाने तरीके से निजी मकान, बहुमंजिली व्यावसायिक भवन व अपार्टमेंट बन गए हैं। जानकारी मिलने पर सरकारी मुलाजिमों ने कायदे-कानून के नाम पर सिर्फ नोटिस भिजवा दिया और भयादोहन कर अपनी जेब भरने लगे। यह सिलसिला अभी भी जारी है।
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कंक्रीट का जंगल
हर स्तर पर हुई लापरवाही का ही परिणाम है कि पौराणिक काल का यह शहर देखते ही देखते कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो गया है। ज्यादातर सड़कों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। लिहाजा मुख्य सड़कें भी मोहल्लों की गलियों जैसी प्रतीत होने लगी है। दूसरी ओर वाहनों का दबाव बढ़ने से जाम शहरवासियों की नियति बन गई है। कई बार तो पैदल चलना भी कठिन हो जाता है।
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ऐसे सुधरेंगे हालात
- भू-उपयोग तक सीमित न हो मास्टर प्लान, सामाजिक व आर्थिक विकास के पक्षों का भी रखा जाना चाहिए ध्यान
- जन दबाव कम करने के लिए शहर के समीप के प्रखंडों का शहर की तर्ज पर करना होगा विकास
- भविष्य को ध्यान में रखकर करना होगा आधारभूत संरचनाओं का
विकास
- मिश्रित भू उपयोग को देना होगा बढ़ावा
- प्रदूषण, सीवरेज, भीड़ व संकुलन का भी रखना होगा ध्यान
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भागलपुर एक नजर में
क्षेत्रफल : 30.17 वर्ग किमी.
कुल वार्ड : 51
जनसंख्या : साढ़े चार लाख
होल्डिंग की संख्या : 71 हजार
ठोस कचरा उत्पादन : 300 एमटी
पक्की नाला - 140 किमी.
कच्ची नाला - 50 किमी.
वेस्ट वाटर उत्पादन : 45 मिलियन लीटर प्रतिदिन।