देश में सबसे खराब एनएच-80 भागलपुर में
भागलपुर। भागलपुर से खराब पूरे इंडिया में कहीं भी एनएच-80 नहीं है। घंटाघर से मिर्जाचौकी के बीच सड़क गढ
भागलपुर। भागलपुर से खराब पूरे इंडिया में कहीं भी एनएच-80 नहीं है। घंटाघर से मिर्जाचौकी के बीच सड़क गढ्डों में तब्दील हो चुका है। सबौर इंजीनियरिंग कॉलेज से पीरपैंती तक तो सड़क चलने लायक नहीं है। 50 किलोमीटर सड़कों में अनगिनत 5-6 फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। जोखिम भरे इस सड़क का हाल ही में पथ निर्माण विभाग के आयुक्त पंकज कुमार साहू ने एनएच-80 का निरीक्षण किया था। सड़क देख भड़के आयुक्त ने कहा कि पूरे इंडिया में भागलपुर से खराब एनएच नहीं है। करोड़ों खर्च के बाद भी एक साल में ही यह हाल है कि सड़क चलने लायक नहीं है। उनकी रिपोर्ट पर एनएच-80 की मजबूतीकरण की स्वीकृति भी मिल गई। रमजानीपुर से मिर्जाचौकी के बीच एनएच-80 का टेंडर हो चुका है। जबकि सबौर इंजीनियरिंग कॉलेज से कहलगांव रमजानीपुर सड़क निर्माण संबंधी तीन-चार दिन पूर्व एनएच-80 कार्यालय से मुख्यालय स्टीमेट भेजा गया है। स्टीमेट एनएच विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी के दिशा-निर्देश पर बनाया गया है। मंत्रालय की स्वीकृति के बाद इस सड़क के टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार जलजमाव की समस्या को ध्यान में रखकर सबौर से रमजानीपुर के बीच पीसीसी सड़क निर्माण की योजना है। रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच 14 किलोमीटर सड़क 18.65 करोड़ की लागत से नए सिरे से बनाई जाएगी। इस सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार को 27 मई तक टेंडर भरने का समय दिया गया है। दो जून को टेंडर का तकनीकी बिड तथा आठ तारीख को वित्तीय बिड खोला जाएगा।
एनएच-80 के कार्यपालक अभियंता नागेंद्र भगत के अनुसार सबौर-इंजीनियरिंग कॉलेज से मिर्जाचौकी के बीच एनएच-80 दुरुस्तीकरण कार्य होगा। इस दिशा में ठोस पहल की जा रही है। उन्होंने बताया कि स्थाई बाइपास निर्माण स्थल से संचरण लाइन, हाईटेंशन तार, टावर आदि विद्युत उपकरणों के स्थानांतरण संबंधी बीईडीसीपीएल द्वारा 3.72 करोड़ रुपये के भेजे गए संशोधित स्टीमेट को एसई ट्रांसमिशन की स्वीकृति मिल गई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाएगा।