राक्षसी वृति से परे हुए बिना प्रभु को पाना असंभव
भागलपुर । राक्षसी वृति प्रभु को बिल्कुल नहीं भाती। उनके पास तक पहुंचने का सहज मार्ग मानवता का भाव रख
भागलपुर । राक्षसी वृति प्रभु को बिल्कुल नहीं भाती। उनके पास तक पहुंचने का सहज मार्ग मानवता का भाव रखना है। प्रभु को पाने के लिए भक्तों को बिना छल कपट के सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रखना चाहिए। प्रभु को अभिमान बिल्कुल पसंद नहीं। जो मोह माया से दूर रह कर प्रभु की आराधना करते हैं उन्हें सहजता पूर्वक मोक्ष का मार्ग मिल जाता है।
उक्त बातें बुधवार को प्रेसवर्ता के दौरान पं. शिवम विष्णु पाठक ने कही।
इसके पूर्व उन्होंने अपने कथा वाचन में श्रोताओं को देवी बाबू धर्मशाला प्रागंण में कृष्ण की बाल लीला, गिरिराज प्रभु का उत्सव पर ज्ञान की बातें बता भक्ति रस में डूबोए रखा। उन्होंने कथा वाचन के क्रम में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप को मदन मोहन, माखन चोर एवं गिरधारी से दिव्य नामों से नामांकृत किया।
कार्यक्रम का आयोजन लायनेस क्लब ऑफ भागलपुर के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है। मौके पर मीरा भुवानियां, सरिता टंडन, संगीता सिंह, शशि भुवानियां, नीलम अग्रवाल, रंजना अग्रवाल एवं वीणा अग्रवाल के अलावा पवन, बनवारी, मंटू, अक्षय एवं गोविंद सहित अन्य उपस्थित थे।