जयप्रकाश उद्यान में दीमक के प्रकोप से कराह रहे दर्जनों पेड़
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी] शहर का एकलौता जयप्रकाश उद्यान जहां सुबह-शाम शहर के संवेदनशील लोग
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]
शहर का एकलौता जयप्रकाश उद्यान जहां सुबह-शाम शहर के संवेदनशील लोग अपना सेहत बनाने आते हैं वहीं अनवरत निस्वार्थ भाव से पर्यावरण की सुरक्षा में लगा यूकिलिप्टस, अशोक एवं जामुन सहित अन्य दर्जनों पेड़ों को खुद अपनी की सेहत की चिंता सता रही है।
उद्यान में दीमक का प्रकोप महामारी की तरह फैल गया है। दीमक सहित कई अन्य जहरीले कीड़ों ने पेड़ को छलनी कर दिया है। वन विभाग की संवेदनहीनता की वहज से दीमक पेड़ की चोटी तक पहुंच गया है। जिससे उसकी दशा-दिशा देख उद्यान में घुमने आने वाले संवेदनशील लोग भी आहत हैं। इस दिशा में शहर के किसी स्वयंसेवी संगठनों का भी कोई ध्यान नहीं है।
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि जिस विभाग पर पेड़-पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह भी संजीदा नहीं है। बुद्धिजीवियों की माने तो शासन एवं प्रशासन की उदासीनता से जिले में पेड़-पौधे भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
एक तरफ जहां चंपानदी के आगे व विशेष केंद्रीय कारा से जीरोमाइल तक निगम के कूड़ों से पेड़ पौधे बेमौत मर रहे हैं तो दूसरी तरफ जयप्रकाश उद्यान सहित तिलकामांझी-बरारी मार्ग में सड़कों के दोनों किनारे लगे दर्जनों पेड़ों को दीमक चाट रहा है। ऐसे में क्लिन सीटी-ग्रीन सीटी व स्मार्ट सीटी की परिकल्पना थोथली साबित हो रही है। यही वजह है कि पर्यावरण की सुरक्षा जीवन की चुनौती बन गई है। पूरा विश्व पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गहन चिंतन में लगा है।
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क्या कहते हैं डीएफओ
उद्यान के पेड़ों में लगे दीमक को जल्द हटवाया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी पेड़ों को नीचे से 1.37 मीटर की ऊंचाई तक रंगवाया जाएगा। कूड़ों से जो सड़क किनारे पेड़ मर रहा है इसे बचाने के लिए निगम प्रशासन को पत्र लिखा गया है।
संजय कुमार सिन्हा, डीएफओ, भागलपुर।े