कमिटमेंट है, जो कहूंगा वह कभी नहीं होगा
भागलपुर [उदय चंद्र झा]। जनाब चुनाव मैदान में पूरे लब्बो-लुआब के साथ खम ठोंकने उतरे हैं। सबसे पुरानी
भागलपुर [उदय चंद्र झा]। जनाब चुनाव मैदान में पूरे लब्बो-लुआब के साथ खम ठोंकने उतरे हैं। सबसे पुरानी पार्टी की युवा ब्रिगेड के स्टेट कैप्टन रह चुके हैं। लेकिन अभी पार्टी का खूंटा तोड़ आए हैं। दावा है कि मैं ही जीत रहा हूं। इलाके के भाई लोगों ने भरोसा दिलाया है कि आप ही जीत रहे हैं। पर, जनाब के हटते ही सब मुस्कुराते हुए गुटरगूं करते हैं- खाओ-पीओ ऐश करो.. वोटकटवा है वोटकटवा! हल्के में सिमट जाएगा!
मैदान में इकलौते दावेदार हैं जिनके साथ एमएलए से चार गुणा अधिक सरकारी बंदूकची लिए चलते हैं। इसी से रसूख बनता है भाई! इतना ही नहीं इनके अस्थायी आशियाने में देर शाम से सुबह के 8 बजे तक दर्जन भर लग्जरी गाड़िया इनका रसूख बताने के लिए काफी हैं। भंडारे की भट्ठी भाई लोगों की सेवा में 16 घटे लगातार सुलगती रहती है। चुनाव पूर्व जिले के पिछले कप्तान से अच्छी बनती थी, इसलिए उनके दौर में इलाके में अपनी राजनीति चमकाने में उनका उपयोग भी किया। जमीन पर तो बस दो-चार बिजली के खंभे गड़वाए और एकाध ट्रासफार्मर लगवाए। और हींग-हवा भी खूब दिया। चुनाव पूर्व ताबड़तोड़ दौरे में भीड़ की समस्या सुन कर वहीं से स्पीकर ऑन करके जिला कप्तान के आश्वासन तत्काल सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी।
जनाब की पंच लाईन है-मैं जो कमिटमेंट करता हूं, उसे पूरा करता हूं क्योंकि मेरी एक खास प्रोफाइल है। लेकिन बीते चार सालों में जनाब ने खुद जितने कमिटमेंट किए हैं उनमें से एक भी आज तक पूरे नहीं हुए, क्योंकि यही तो प्रोफाइल है। एक बानगी देखिए-चार साल पहले पूरे ठसक के साथ भाय भाय करती लाल बत्ती गाड़ी में एक कश्मीरी एमएलए के साथ आए थे तो यहा नहीं ठहरने वाली सभी आधा दर्जन गाड़ियों के 45 दिनों में ठहराने का कमिटमेंट कर गए थे। तब कहा था कि आलाकमान के नायब सद्र 'युवराज' से कह कर चुटकी में काम कराउंगा। पर, हुआ कुछ नहीं। और अब जो वे कुछ कहते हैं तो लोग सुनते हैं और आपस में चर्चा करते हैं, हिंग छांट रहा है। कमिटमेंट करता हूं कि जो कहूंगा न पहले कभी हुआ है न आगे कभी होगा, क्योंकि अब तो अपना खूंटा ही तोड़कर आ गया हूं जो।