भाजपा व जदयू में होर्डिंग्स वार
भागलपुर। भागलपुर में एक सितंबर को होने जा रही परिवर्तन रैली को लेकर शहर में होर्डिग वार की स्थिति बन
भागलपुर। भागलपुर में एक सितंबर को होने जा रही परिवर्तन रैली को लेकर शहर में होर्डिग वार की स्थिति बन गई है। भाजपा और जदयू दोनों आमने सामने हैं। दोनों दलों के बीच अधिक से अधिक होर्डिग्स लगाने की होड़ मची है। इसका नजारा तिलकामांझी चौक से हवाई अड्डा के बीच सड़क किनारे देखा जा सकता है। यहां शायद ही कोई जगह बची हो, जो होर्डिग से बच गई हो। रैली की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है वैसे-वैसे दोनों दल होर्डिंग के माध्यम से आक्रमक हो रहे हैं।
जदयू के प्रदेश राजनीतिक सलाहकार समिति के सदस्य विभूति गोस्वामी का कहना है कि होर्डिंग के माध्यम से प्रचार करने की जिम्मेवारी पटना स्तर से ही तय हुई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भागलपुर शहर में जदयू के प्रचार की तैयारी दो तरह से दिख रही है। एक तो मोदी की रैली में आने वाले लोगों की नजर नीतीश कुमार की होर्डिंग पर भी पड़े। दूसरा इसके पीछे जो संदेश है वह यह कि मोदी की रैली में आने वाले लोगों का एनडीए से ध्यान हटाकर अपनी ओर खींचना। वहीं, होर्डिग की इस लड़ाई से राजद और बहुत हद तक कांग्रेस भी बहुत कम दिख रहे हैं।
विक्रमशिला सेतु पर जदयू ने खुद उतारे अपने होर्डिग
एक दिन पहले विक्रमशिला सेतु पर बिजली के खंभों पर होर्डिंग लगाकर फिर से हटा देने से जदूय में में उबाल है। शुक्रवार को जब जदयू के कार्यकर्ताओं को यह जानकारी मिली तो पार्टी के पदाधिकारियों के मन में आक्रोश था। पार्टी ने अपने स्तर से इसकी छानबीन भी कराई। भागलपुर में होर्डिंग लगवाने की जिम्मेदारी संभाल रहे टीम प्रशांत के अंचित कहते हैं कि सेतु पर वेंडर द्वारा गलती से होर्डिंग्स लगा दी गई थी, जबकि वहां लगाने की योजना नहीं थी। जब इसकी जानकारी मिली तो वेंडर को कहकर इसे वापस मंगा लिया गया। अंचित इस मामले में किसी साजिश से इंकार करते हैं। टीम प्रशांत के सदस्य अंचित कुमार यह दावा करते हैं कि शहरी क्षेत्र में होर्डिंग लगाने की अनुमति उन्होंने ले रखी है।