अतिक्रमणकारियों की सूची में कई नाम शामिल नहीं
भागलपुर। सदर अस्पताल परिसर के भवनों में पिछले ढाई दशक से अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ एक तरफ जहां
भागलपुर। सदर अस्पताल परिसर के भवनों में पिछले ढाई दशक से अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, वहीं दूसरी कुछ कद्दावर लोगों को बचाने का खेल भी शुरू हो चुका है। गुरुवार को एसडीओ कुमार अनुज ने अवैध रूप से रह रहे 56 परिवारों को दो दिन में अस्पताल परिसर खाली करने का नोटिस दिया था। उक्त कार्रवाई सिविल सर्जन द्वारा उपलब्ध कराई गई पुरानी सूची के आधार पर की गई थी। कार्रवाई करते हुए एसडीओ ने सिविल सर्जन शोभा सिन्हा से नई सूची उपलब्ध कराने को कहा था। शुक्रवार को सिविल सर्जन ने अतिक्रमणकारियों की नई सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी। इस सूची में कई नामों को छोड़ दिया गया है। सूची में कुल 68 अतिक्रमणकारियों के नाम शामिल किए गए हैं। लेकिन स्वयंसेवी संगठनों एवं कई पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं।
दी गई सूची में पुराना मेडिकल वार्ड के दो भवनों में पुलिस प्रशासन का कब्जा है। वहीं आंख-नाक-कान विभाग, हड्डी विभाग एवं कई विभागों में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा दो बाहरी व्यक्ति, तीन सेवानिवृत स्वास्थ्य कर्मचारी के नाम सूची में दिए गए हैं। साथ ही नौ ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो परिसर में खाली जमीन पर मिट्टी का घर बनाकर रह रहे हैं। इसके अलावा महादेव सिंह महाविद्यालय, टीएनबी महाविद्यालय, मारवाड़ी महाविद्यालय, नेशनल कॉलेज के छात्र भी भवनों पर कब्जा किए हुए हैं। उक्त महाविद्यालयों के प्राचार्य को भी सूची में शामिल किया गया है।
सदन रहे कि 1971 में इस परिसर में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल था। 1989 में मायागंज स्थानांतरित होने पर इसे सदर अस्पताल बनाया गया। लेकिन मेडिकल कॉलेज के खाली भवनों में स्वास्थ्य कर्मचारियों एवं बाहरी लोगों ने अतिक्रमण कर लिया। कई बार जिला प्रशासन को अतिक्रमणकारियों की सूची देकर खाली करवाने की मांग की गई। 8 मई 2014 को बीस सूत्री की जिला संचालन समिति की बैठक में अध्यक्ष सह भागलपुर के प्रभारी नीतीश मिश्रा ने सदर अस्पताल परिसर को अतिक्रमणकारियों से खाली करवाने का आदेश दिया था। साल भर बाद इस पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 15 जून को सिविल सर्जन से अतिक्रमणकारियों की सूची मांगी थी। दो जुलाई के अंक में दैनिक जागरण में अवैध कब्जे की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने सिविल सर्जन से नई सूची मांगी थी।
-----------------