अब प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे नगर निगम कार्यालय का निरीक्षण
जागरण संवाददाता, भागलपुर : अब प्रमंडलीय आयुक्त हरेक तीन माह में एकबार नगर निगम कार्यालय का निरीक्षण
जागरण संवाददाता, भागलपुर : अब प्रमंडलीय आयुक्त हरेक तीन माह में एकबार नगर निगम कार्यालय का निरीक्षण करेंगे और गड़बडि़यां पाए जाने पर जांच कार्रवाई के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी करेंगे। यह निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सूबे के सभी प्रमंडलीय आयुक्त के नाम पत्र जारी करके दिया है।
गत 28 मई को जारी अपने पत्र में विभागीय प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने जिक्र किया है कि प्रमंडलीय आयुक्त निरीक्षण कार्रवाई के पश्चात अपनी रिपोर्ट नगर निकायों के अलावा संबंधित विभाग को उपलब्ध कराएंगे। अगर निरीक्षण के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है तो बिहार नगरपालिका अधिनियम की धारा-66 के अंतर्गत राज्य सरकार के किसी पदाधिकारी को किसी विभाग, सेवा, कार्यालय, नगरपालिका के कार्य या उसकी संपत्ति निरीक्षण या फिर जांच के लिए प्रतिनियुक्त करेंगे।
इसी प्रकार जिला पदाधिकारी अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी नगर निकायों एवं अनुमंडल पदाधिकारी अपने क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायतों के कार्यालयों का निरीक्षण व जांच कर सकेंगे।
इस बाबत विभागीय प्रधान सचिव ने निरीक्षण कार्रवाई को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी के नाम से बकायदा एक सूची भी जारी किया है जिसमें उन सभी मामलों का उल्लेख है। इसके बाबत प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा जिन मामलों का निरीक्षण किया जाएगा उसमें नगर निगम से संबंधित सामान्य सूचनाएं, वित्तीय प्रबंधन, योजना, स्थापना आदि मामले शामिल होंगे।
जांच के दायरे में संबंधित मामले :
1. सामान्य सूचनाएं :
पदाधिकारी का नाम, पदनाम एवं पदस्थापन का विवरण, गार्ड फाइल में संघारित पूर्व निरीक्षणों की विवरणी, कार्यालय भवन की स्थिति।
2. वित्तीय प्रबंधन :
सामान्य रोकड़ बही की अद्यतन स्थिति, सहायक रोकड़ पंजी की स्थिति, समायोजित अग्रिम की सूची, अपारित अभिश्रव की सूची, बैंक पासबुक, एसी/डीसी से संबंधित मामले, चार्टर्ड अकाउंट, सीएजी, वित्तीय अंकेक्षण द्वारा उठाए गए आपत्ति का अनुपालन एवं प्रतिवेदन, लोक लेखा समिति से संबंधित रिपोर्ट, गबन एवं दुरूपयोग तथा वसूली के मामले।
3. योजना विवरण :-
योजनावार स्थिति, 2013-14 और 2014-15 की योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों की सूची, महत्वपूर्ण योजनाओं का पिछले पांच वर्षो की उपलब्धियों की विवरणी, उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने की स्थिति, मासिक समीक्षा टिप्पणी।
4. स्थापना संबंधी मामले :-
सरकारी सेवकों के पदस्थापन एवं रिक्तियों की विवरणी, पंजियों के संधारण की स्थिति, कोर्ट से संबंधित मामलों के अनुपालन की स्थिति, सेवानिवृत्ति एवं विभागीय कार्रवाई की स्थिति, सूचना का अधिकार से संबंधित मामले, जन शिकायत संबंधी मामले के अनुपालन की स्थिति।
5. अन्यान्य :
विधानमंडलीय एवं संसदीय मामले, मानवाधिकार एवं लोकायुक्त से संबंधित मामलों की पड़ताल करेंगे।