Move to Jagran APP

अंग की धरती से गोपाल सिंह नेपाली का था अटूट रिश्ता

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सामाजिक संस्था साहित्य सफर द्वारा अंग संस्कृति भवन में शुक्रवार को गीतकार

By Edited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 02:02 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2015 02:02 AM (IST)
अंग की धरती से गोपाल सिंह नेपाली का था अटूट रिश्ता

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सामाजिक संस्था साहित्य सफर द्वारा अंग संस्कृति भवन में शुक्रवार को गीतकार गोपाल सिंह नेपाली की पुण्य तिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। उपस्थित सदस्यों ने उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मौके पर संस्थापक जगतराम साह कर्णपुरी ने कहा कि गीतकार नेपाली का अंग की धरती से अटूट रिश्ता रहा है। उनमें देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। कमल किशोर एकलव्य ने कहा कि 1962 में चीन-भारत आक्रमण के दौरान कवि धर्म का परिचय देते हुए उन्होंने राष्ट्रीय जागरण का शंखनाद किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता उमाकांत झा अंशुमाली कर रहे थे।

loksabha election banner

पुण्य के अवसर पर उपस्थित सदस्यों द्वारा नेपाली जी के रचनाओं का भी पाठ किया गया। आत्माराम बाजोरिया ने कविता पाठ करते हुए कहा-नाच गई कांटों में मीरा, झूम-झूम गा गए कबीरा। कविता पाठ करने वालों में कपिल देव कृपाला, अभय भारती, राघवेंद्र सहाय, डॉ. अशोक कुमार यादव, जयनंदन मंडल, सुमन, शुभम, गगन, सहित अन्य शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.