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आपसी सद्भावना की मिसाल है कर्णगढ़ मेला

जागरण संवाददाता, भागलपुर : कर्ण की भूमि पर 30 वर्ष पूर्व कुछ उत्साही युवकों द्वारा आरंभ किया गया चैत

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 02:04 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 02:04 AM (IST)
आपसी सद्भावना की मिसाल है कर्णगढ़ मेला

जागरण संवाददाता, भागलपुर : कर्ण की भूमि पर 30 वर्ष पूर्व कुछ उत्साही युवकों द्वारा आरंभ किया गया चैती दुर्गा मेला समारोह आज अंग क्षेत्र के जनमानस में रच-बस गई है। नाथनगर के मनसकामना नाथ मंदिर में चैती दुर्गा पूजा की बुनियाद रखने में कुछ राजनीतिक व समाजसेवी का अहम योगदान रहा। वर्ष1985 में सुलतानगंज के तत्कालीन विधायक उमेश दास, प्रसून लतांत और अम्बिका मंडल ने इसकी शुरूआत की थी। 1989 के साम्प्रदायिक दंगा के बाद समाज के बीच गहरे खाई को भी पाटने में मेले की अहम भूमिका रही। आपसी सद्भावना की शुरूआत हुई। दोनों ही समुदाय के लोगों ने मिसाल कायम करने के लिए मेले में शिरकत किया। बढ़ी हुई खाई को भी कम करने का प्रयास करने में आयोजन समिति ने अहम भूमिका निभाई। तब से लेकर अब तक इस परंपरा को जीवंत रखा गया है। मेले में हिन्दू और मुस्लिम दोनों वर्ग के लोग पहुंचते हैं। इस स्वच्छ वातावरण में तीन लाख से अधिक लोग मेले का आनंद भी उठाते है। जानकारी के अनुसार मनसकामना नाथ मंदिर प्रांगण में वर्ष 1988 में मिट्टी के बदले सीमेंट निर्मित प्रतिमा की पूजन होती थी। लेकिन पूर्व सुलतानगंज विधायक स्व. उमेश दास व प्रसून लतांत आदि ने धार्मिक आस्था के साथ मां दुर्गा के नौ स्वरुप की प्रतिमा स्थापित कर पूजन करने का निर्णय लिया। देखते ही देखते अन्य वर्गो का सहारा लेकर चैत्र शुल्क पष्ठी को मिट्टी की प्रतिमा बना देवी की पूजा प्रारंभ कर दी। सजय कुमार उर्फ बंटू झा, पप्पु दालानियां समेत कुछ समर्पित सामाजिक कार्यकत्र्ता के योगदान से वर्ष 1990 में मेला का पहली बार भव्य आयोजन किया गया था। फिर इस मेले को भक्तों ने सामूहिक प्रयास से इस मेले को अंग की शान बना दी। इस मेले में आस-पास के अलावा हजारों की संख्या में भक्त मां के दर्शन को आते है। इस दौरान अपने परिजनों के साथ देर रात्रि तक मेला का आनंद लेते है। मेले का व‌र्त्तमान स्वरुप काफी वृहद था। लेकिन कर्णगढ़ मैदान की घेराबंदी सीटीएस द्वारा कराए जाने से संर्कीण हो गई। मैदान की सीमा निर्धारित कर दी गई। सीटीएस के सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसा प्रयास किया गया। वर्तमान में बाबा मनसकामना नाथ न्यास समिति के उपाध्यक्ष सजय कुमार झा, सचिव रविन्द्र प्रसाद भगत, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश मोदी, सह कोषाध्यक्ष सूर्यमोहन साह, व्यासदेव चौधरी, राजेंद्र मालाकार व आशिष आदि के योगदान से परंपरा जीवंत है।

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मनसकामना नाथ मंदिर में दुर्गा देवी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, भागलपुर : नाथनगर के मनसकामना नाथ मंदिर में गुरुवार को आयोजित चैती दुर्गा मेला का श्रद्धालुओं ने देर रात तक आनंद लिया। मंदिर में सुबह से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शत चंडी महायज्ञ में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिरकत किया। हवन मंडप के फेरे लगाए। मंदिर में मां दुर्गा के नौ रूपों की रणक्षेत्र में झांकी बनाई गई है। जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मेला में ब्रेक डांस, नाव झूला, ड्रेगन झूला, ड्रोम, व बच्चों के लिए छोटे झूले लगाए गए है। विज्ञान कला, अजूबा कारनाम, मीना बाजार का लगाए गए है। खान-पान के भी स्टाल लगाए गए है। बाबा मनसकामना नाथ न्यास समिति की ओर से यहां आने वाले लोगों के मनोरंजन का भरपूर ख्याल रखने का प्रयास किया गया। कर्णगढ़ मेले में रासलीला का श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया। देर रात तक कलाकारों ने कृष्ण की लीला से लोगों को अवगत कराते रहे।

मुख्य बातें :

- मेला में सुरक्षा के लिए महिला पुलिस व सशस्त्र पुलिस बल प्रतिनियुक्त किए गए है।

- ग्रामीण क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए रात्रि में ठहरने की व्यवस्था आयोजन समिति ने की है।

- आपार भीड़ की संभावना को लेकर मेला में व्यवस्थित स्टाल व दुकानें लगाई जाए।

- मैदान में धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करेंगे।

- मेले में चोटिल लोगों के इलाज के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की मांग की गई है।

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