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शहर की सड़कों पर दौड़ रही 'मौत'

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सड़कों पर जरा संभल कर निकलें। यहां की सड़कों पर मौत दौड़ रही है। कई बार यहां

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 01:59 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 01:59 AM (IST)

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सड़कों पर जरा संभल कर निकलें। यहां की सड़कों पर मौत दौड़ रही है। कई बार यहां की सड़कें मासूम के खून से रंग चुकी है, लेकिन प्रशासन पूर्व की घटनाओं से अभी तक कोई सीख नहीं ली है। यही कारण है कि जर्जर ट्रकों को ओवरलोड चलाने की खुलेआम छूट दी गई है। कई ऐसे ट्रक भी ओवरलोड चल रहे हैं, जिसे पूर्व में अनफिट घोषित कर दिया गया था।

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गुरुवार को दोपहर एक बजे के करीब रेलवे के मालगोदाम से ओवरलोड ट्रकों के काफिला का निकलना शुरू हुआ। अधिकांश ट्रक दस चक्के वाला था। परिवहन विभाग के नियम के अनुसार दस चक्के वाले ट्रक पर 25 टन से अधिक माल लोड नहीं करना है। 25 टन से अधिक माल लोड करने पर जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन रेलवे के मालगोदाम से दिन व रात में निकलने वाले ट्रकों पर कम से कम सौ टन माल से अधिक लोड रहता है। ओवरलोड का आलम है कि ट्रक मुश्किल से चल पाता है। गुरुवार को बागबाड़ी जाने वाले अधिकांश ट्रकें मुश्किल से लोहिया पुल पर चढ़ पा रहा था। एक ट्रक के चढ़ने के बाद दूसरे ट्रक को पुल पर चढ़ाया जाता था। इनमें से कई ऐसे ट्रकों पर भी सामान लदा था, जिसे परिवहन विभाग ने पूर्व में रिजेक्ट कर दिया था। ऐसे ट्रकों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे ट्रकों पर न तो लाइट की ठीक व्यवस्था है और न ही बॉडी ही सही है। धूआं भी अधिक छोड़ रहा है। साउंड इतना अधिक कि बगल से गुजरना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे ट्रकों को चार सौ से पांच बोरी लादा जाता है। लदे बोरे को बांधा तक नहीं जाता है। सड़क पर गिरने की स्थिति लोगों की मौत तक हो सकती है। रेलवे के माल गोदाम से सामान एसएफसी व एफसीआई के गोदाम तक पहुंचाया जाता है।

आधा दर्जन की हो चुकी है मौत

ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से हाल के वर्षो में आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लोहिया पुल पर ट्रक की चपेट में आने से सेंट टेरेसा स्कूल की शिक्षिका की मौत हुई थी। तिलकामांझी चौक पर माउंट असीसि की छात्रा की ट्रक से कुचलकर मौत हुई थी। तिलकामांझी चौक पर ही एक अखबार विक्रेता की मौत हो चुकी है। होली के समय तिलकामांझी में ट्रक से कुचलकर दो लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा जीरोमाइल, हबीबपुर, अलीगंज, कचहरी रोड, आदमपुर आदि जगहों पर ट्रक से कुचलने की लोगों की मौत हो चुकी है।

मौत के बाद जागता है प्रशासन

ट्रक से कुचलकर मौत और इसके बाद उपद्रव, तोडफोड़, आगजनी, सड़क जाम की घटना के बाद प्रशासन की नींद खुलती है। कई मौकों पर ऐसा देखा गया है। तिलकामांझी चौक पर छात्रा व लोहिया पुल पर शिक्षिका की मौत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की नींद खुली। इसके बाद तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने एएफसी के ट्रकों की जांच कराने का आदेश दिया था। जिलाधिकारी प्रेम सिंह मीणा ने जर्जर ट्रकों को हटाने का निर्देश डीटीओ को दिया था। इसके बाद ट्रकों की जांच की गई और ढाई दर्जन ट्रकों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। 15 वर्ष पुराने ट्रकों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन जिन ट्रकों पर रोक लगाई गई थी, उन ट्रकों का परिचालन फिर से शुरू हो गया है।

नाबालिक चला रहे खटारा ट्रक

मालगोदाम से निकलने वाली अधिकांश खटारा ट्रकों को अनट्रेंड व नाबालिक चला रहे हैं। एफसीआई के अधिकारी लगातार मांग रहे हैं कि खटारा ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाई जाए। नाबालिग व अनट्रेंड चालक की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। ऐसे चालकों का स्टेय¨रग व ब्रेक पर नियंत्रण नहीं होता है। लेकिन हाल के वर्षो में शायद ही इसकी कोई जांच हुई है। जबकि जिला परिवहन पदाधिकारी व मोटर यान निरीक्षक को कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।

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मालगोदाम से चलने वाले ट्रकों की जांच होगी। जिन ट्रकों को अनफिट घोषित किया गया था, कागजात को निकाला जाएगा। अगर अनफिट ट्रक सड़कों पर दौड़ रही है तो कार्रवाई की जाएगी। ओवरलोड ट्रकों पर भी कार्रवाई होगी।

एसके सिंह, मोटर यान निरीक्षक


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