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इंस्पेक्टर कन्हैया लाल समेत 11 थानाध्यक्षों को निदंन की सजा

जागरण संवाददाता, भागलपुर : एसएसपी विवेक कुमार ने लंबित मामलों की फेहरिश्त कम करने की दिशा में कड़ा कद

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 02:13 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 02:13 AM (IST)
इंस्पेक्टर कन्हैया लाल समेत 11 थानाध्यक्षों को निदंन की सजा

जागरण संवाददाता, भागलपुर : एसएसपी विवेक कुमार ने लंबित मामलों की फेहरिश्त कम करने की दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए वैसे लापरवाह पुलिस पदाधिकारियों को निंदन की सजा गुरुवार को दी है। वहीं लक्ष्य के अनुरूप मामले निष्पादन करने वाले पुलिस पदाधिकारियों को नकदी व जीएस मार्क से पुरस्कृत भी किया है। खराब प्रदर्शन करने वाले लापरवाह इंस्पेक्टर कन्हैया लाल समेत 11 थानाध्यक्षों को निदंन की सजा सुनाई है। वहीं नाथनगर इंस्पेक्टर महफूज आलम, इशाकचक इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती समेत 12 थानाध्यक्षों को लक्ष्य के अनुरूप काम करने पर पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

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जिन्हें निंदन की सजा मिली है

1 सुल्तानगंज इंस्पेक्टर कन्हैया लाल।

2 विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष।

3 आदमपुर थानाध्यक्ष।

4 जीरोमाइल थानाध्यक्ष।

5 बबरगंज थानाध्यक्ष।

6 कजरैली थानाध्यक्ष।

7 सजौर थानाध्यक्ष।

8 लोदीपुर थानाध्यक्ष।

9 रसलपुर थानाध्यक्ष।

10 एनटीपीसी थानाध्यक्ष।

11 अंतीचक थानाध्यक्ष।

इन्हें मिला पुरस्कार

1 नाथनगर इंस्पेक्टर महफूज आलम।

2 इशाकचक इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती

3 बरारी थानाध्यक्ष।

4 सबौर थानाध्यक्ष।

5 तिलकामांझी थानाध्यक्ष।

6 सन्हौला थानाध्यक्ष।

7 घोघा थानाध्यक्ष।

8 शिवनारायणपुर थानाध्यक्ष।

9 बुद्धुचक थानाध्यक्ष।

10 गौराडीह थानाध्यक्ष।

11 मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष।

12 अकबरनगर थानाध्यक्ष।

लंबित मामलों को कम करने में कामयाबी

वर्ष 2009 से 2014 तक के पांच साला कार्यकाल में लंबित मामलों की फेहरिश्त कम करने में विवेक कुमार का कार्यकाल इस साल बेहतर रहा है। कभी एसएसपी बीएस मीणा के कार्यकाल में पेंडेंसी कम करने के लिए सख्त फैसले लिए जाते थे।

वर्ष-------लंबित मामले

2009------2349

2010------1280

2011------1446

2012------1479

2013------1636

2014------2186

2014--जून- 2486

2014-1दिसं-1973

लंबित मामलों की फेहरिश्त कम करने की दिशा में पुलिस पदाधिकारियों पर सख्ती और लक्ष्य के अनुरूप परिणाम देने का दवाब बना रहेगा तो लंबित मामलों की सूची एक हजार तक जल्द पहुंच जाएगी। इससे अपराध पर अंकुश लगाने में भी ज्यादा समय पुलिसकर्मियों को मिल सकेगा।


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