कुपात्र के हाथ में बिहार : चौबे
जागरण संवाददाता, भागलपुर : बक्सर सांसद अश्रि्वनी कुमार चौबे ने कहा है कि बिहार अभी कुपात्र के हाथ मे
जागरण संवाददाता, भागलपुर : बक्सर सांसद अश्रि्वनी कुमार चौबे ने कहा है कि बिहार अभी कुपात्र के हाथ में है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपने पद को लेकर गंभीर नहीं रह पाते। वे हल्की बात कर देते हैं और इस कारण उन्हें बार-बार बयान बदलना पड़ता है। ऐसा मुख्यमंत्री दबाव-तनाव में करते हैं। मनुष्य होने के नाते दबाव स्वभाविक भी है और यह पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रिमोट से चलाए जाने के कारण है।
दीपावली के मौके पर अपने घर भागलपुर आए चौबे शुक्रवार को संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार चलाने के नाम पर महादलितों का मजाक उड़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मांझी की कुछ चल नहीं रही। उन्हें शक्ति विहीन सेनापति बनाकर छोड़ दिया गया है। प्रशासनिक पदाधिकारी उनका आदेश तक नहीं मानते। सब नीतीश के इशारे पर हो रहा है। अच्छी बात है कि नीतीश के इस खेल को अब खुद मुख्यमंत्री मांझी भी समझ गए हैं। इस कारण वे अब रिमोट के रेंज से कभी-कभार बाहर भी दिखते हैं। महादलित समुदाय ही नहीं, बिहार की समूची जनता यह देख रही है। जनता इसके जवाब में 11 माह बाद होने वाली चुनाव में एक बार फिर से बिहार को सुपात्रों यानी एनडीए के हाथ में सौंपेगी।
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चौबे के बोल :-
* हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजय रथ आने वाले चुनाव में झारखंड और बिहार को अपने साथ विकास के पथ ले चलेगा। बिहार व झारखंड की जनता भी यहां भाजपा और एनडीए को बहुमत देगी।
* कांग्रेस व राजद ने पहले ही बिहार की जनता को ठगा है। लोकसभा चुनाव के समय जदयू ने भी एनडीए से हटकर जनादेश के साथ ठगी की। ऐसे में इन तीनों का महागठबंधन नहीं महाठगबंधन है।
* जनता ने महाठगबंधन को अस्वीकार कर दिया है। बीते बिहार उपचुनाव में भाजपा अपनी कुछ नीतिगत और सामयिक कमियों के कारण कुछ पिछड़ गई थी।
* नीतीश कुमार हरियाणा चुनाव के दौरान महेंद्रगढ़ और पास के दो अन्य विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगने गए थे। यहां सौ से कम लोग ही उनकी मीटिंग में आए और पार्टी का प्राप्त वोट भी सौ के अंदर ही सिमट गई।
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अब विशेष पैकेज के लिए एनडीए की सरकार बनाएं
भागलपुर : लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार के लिए विशेष राज्य का पैकेज दिलाने का ख्वाब दिखा रही भाजपा (कमजोर स्वर में ही सही) विधानसभा चुनाव में भी यही ख्वाब दिखाएगी। भाजपा नेता अश्रि्वनी चौबे के मुताबिक जदयू का विशेष राज्य को लेकर धरना महज नौटंकी है। सरकार उनकी है तो धरना देने की जरूरत ही क्या थी? पहले वे केंद्र द्वारा भेजी गई राशि तो खर्च करें। केंद्र में नमो की सरकार बनने के बाद से से अब तक के आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि बिहार सरकार केंद्र से भेजे गए पैसे का 60 फीसद राशि भी खर्च नहीं कर पाई है। ऐसे में पहले प्रशासन पर पकड़ बनाने वाली सरकार बननी जरूरी है। अगले चुनाव में सुपात्रों यानी एनडीए की सरकार बनेगी तो विशेष राज्य का दर्जा भी मिलेगा।