मैं बनूंगी अपने पापा की 'अफसर बिटिया'
जागरण संवाददाता, भागलपुर : रविवार को एसएससी व सिपाही भर्ती की परीक्षा में बड़ी संख्या में पहुंची छात्
जागरण संवाददाता, भागलपुर : रविवार को एसएससी व सिपाही भर्ती की परीक्षा में बड़ी संख्या में पहुंची छात्राओं ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। छात्रों की तुलना में इनकी संख्या में कहीं से भी कम नहीं दिख रही थी। कई लड़कियां तो शारीरिक रूप से अपंग थी। लेकिन उनके हौंसले काफी बुलंद थे। जिला स्कूल में एसएससी की परीक्षा देने पटना से ज्योति कुमारी अकेले ही भागलपुर आयी थी। उसने बताया कि पापा ड्यूटी पर हैं व मां छोटे भाई व बहनों के साथ घर में व्यस्त है। इस वजह से अकेले ही पटना से आ गई। अब डर नहीं लगता है। मन में कुछ करने की इच्छा है। धारावाहिक अफसर बिटिया देखने के बाद मेरे भी मन में अफसर बनने की इच्छा जगी। घर से भी सहयोग मिला। मेहनत कर रही हूं। उम्मीद है सफलता जरूर मिलेगी। ज्योति की तरह और भी हजारों लड़कियां थीं जिनके आंखों में भविष्य के सपने तैर रहे थे। रानी कुमारी ने कहा कि जब कल्पना चावला, सुनीता नारायण, किरण बेदी जैसी महिलाओं के कारनामों को पढ़ने व सुनने लगी तो मन में उनके जैसे ही बनने की इच्छा हुई। दसवीं में सोचती थी कि बोर्ड की परीक्षा देने के बाद शादी हो जाएगी। परिवार में व्यस्त हो जाउंगी। बोर्ड की परीक्षा पास करने के बाद आगे भी पढ़ने की इच्छा होने लगी। पापा ने इंटरमीडिएट में भी नामांकन करा दिया। धीरे-धीरे सपनों को पंख लगने लगे। सिपाही भर्ती को आयी कविता वर्मा समाज में व्याप्त जड़ता का खत्म करने के लिए पुलिस की नौकरी करना चाहती है। जिससे कि समाज में महिलाओं पर दिन प्रतिदिन हो रहे अत्याचार को कम कर सकें। लड़कियों ने बताया कि वे सोलह-सोलह घंटे तक सपने को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत करती हैं। उसकी तमन्ना है कि समाज की कोई भी लड़की शिक्षा से वंचित ना हो जाए।