ताड़िका का वध कर राम ने किया मुनियों का उद्धार
जागरण संवाददाता भागलपुर, : नाथनगर के गोलदारपट्टी स्थित रामलीला मैदान में शनिवार को आयोजित रामलीला में ताड़िका वध का मंचन किया गया। रामलीला का आरंभ राम दरबार की झांकी से हुआ है। श्रद्धालुओं ने आरती कर पूजा-अर्चना की। मंच पर सर्वप्रथम राजा दशरथ के दरबार में महर्षि विश्वामित्र का आगमन हुआ। राम व लक्ष्मण को वन भ्रमण के लिए विश्वामित्र ने दशरथ से आज्ञा मांगा। वन में ताड़िका राक्षसी द्वारा यज्ञ कार्य में बाधा डालने की व्यथा राम को सुनाया गया। विश्वामित्र की आज्ञा पर श्रीराम ने ताड़िका राक्षसी का वध किया। राक्षसी और राम के युद्ध को देख दर्शक काफी रोमांचित थे। राक्षसी का वध होते ही रामलीला मैदान में दर्शकों ने जय श्रीराम का गगन भेदी जयकारा लगाया।
देर रात रामलीला के अंतिम दृश्य में प्रभु राम ने शिला (पत्थर) को स्पर्श कर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार किया। आनंद रामलीला समिति के सदस्यों ने देर रात्रि तक श्रद्धालुओं को अपनी कला से भाव विभोर रखा। देर रात तक रामलीला का आनंद उठाया।