नर्स नेकहा, 'गर्भ में ही मर चुका था बच्चा'
संवाद सहयोगी, नाथनगर (भागलपुर) : नाथनगर रेफरल अस्पताल में गुरुवार की देर रात को प्रसव पीड़िता गीता देवी के इलाज में लापरवाही बरते जाने की शिकायत को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने गंभीरता से लिया है। प्रभारी द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब ए ग्रेड नर्स नीलू कुमारी व एएनएम वीणा कुमारी ने सोमवार को सौंप दिया है। उनमें दोनों नर्सो ने कार्य में लापरवाही बरतने की बात नहीं स्वीकारी है। इससे अस्पताल में चर्चा चलने लगी है कि विभाग की यह कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति भर है। उधर रजिस्ट्रेशन रजिस्टर पर की गई ओवरराइटिंग हेराफेरी की आशंका पैदा कर रही है। रजिस्टर में मोहनपुर दियारा के गीता देवी को नौ जनवरी को भर्ती करने का समय 9.45 दर्शाया गया है। प्रसव का समय भर्ती के 45 मिनट बाद दिखाया गया है। रजिस्टर में समय बदल कर एएम को काट कर पीएम लिखा गया है। विदित हो कि भर्ती के पांच घंटे बाद प्रसव हुआ था। परिजनों का आरोप था कि प्रारंभिक इलाज के कुछ घ्ाटे बाद गीता की स्थिति जब बिगड़ने लगी तो नर्स को बुलाया गया लेकिन वह कमरे से बाहर नहीं निकली। इस कारण नवजात की मौत हो गई।
नर्स ने दिया जवाब
ए ग्रेड नर्स नीलू कुमारी व एएनएम वीणा कुमारी ने सोमवार को जवाब में कहा है कि उन्होंने कार्य का निर्वाह पूरी निष्ठा एवं जवाबदेही से किया। नौ जनवरी की रात 9.45 बजे गीता प्रसव के लिए आई, जो सुविधा मिलनी थी उसे दी गई। बच्चा गर्भ में ही मरा हुआ था। जननी को उचित चिकित्सा सुविधा भी दी गई। वे सोने नहीं गई थीं और कर्तव्य पर रहने के कारण मरीज को बुलाने का कोई अवसर ही नहीं था।
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