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पांच वर्षों बाद भी पांच पंचायतों में अधूरा है शुद्ध पेयजल का सपना

महागठबंधन की सरकार के सात निश्चय चेरिया बरियारपुर वासियों के लिए मृगतृष्णा ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 03:03 AM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 03:03 AM (IST)
पांच वर्षों बाद भी पांच पंचायतों में अधूरा है शुद्ध पेयजल का सपना
पांच वर्षों बाद भी पांच पंचायतों में अधूरा है शुद्ध पेयजल का सपना

बेगूसराय । महागठबंधन की सरकार के सात निश्चय चेरिया बरियारपुर वासियों के लिए मृगतृष्णा बना हुआ है। वैसे तो उक्त प्रखंड में सरकार के निश्चय से पूर्व बीते कार्यकाल में वर्ष 2013 में धूमधाम के साथ घर-घर शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए पांच पंचायतों में सपना दिखाया गया। इसके लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के जिला परियोजना इकाई विश्व बैंक परियोजना गैगन डंकरले एंड कंपनी लि. के सहयोग से योजना का शिलान्यास तत्कालीन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र ¨सह ने बड़े धूमधाम से कर लोगों को सब्जबाग दिखाया था। लेकिन वर्तमान में परियोजना कार्यालय का आफिस मात्र बना है। जहां पर कभी कभार विभाग के अधिकारी या कर्मचारी का दर्शन होता है तो लोगों को लगता है शायद अब काम शुरू होगा। लेकिन धरातल पर विभाग लगातार फिसड्डी साबित हो रही है।

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क्या है योजना

क्षेत्र के पांच पंचायत श्रीपुर, खांजहांपुर, बरियारपुर, शाहपुर एवं पवड़ा के लिए 5120.00 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि से शुद्ध पेय जलापूर्ति की योजना की स्वीकृति मिली। जिसमें 4910.00 लाख से जलापूर्ति तथा 210.00 लाख रुपयेच्स्वच्छता पर खर्च करने का प्रस्ताव के साथ योजना का शिलान्यास किया गया। 30 वर्ष की योजना डिजाइन के साथ बूढ़ी गंड़क नदी के सतही जल से योजना का खाका तैयार कर कार्य प्रारंभ हुई। प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 70 लीटर जल आपूर्ति किया जाना है।

योजना के मुख्य अवयव

उक्त योजना में 10 मीटर व्यास एवं 20 मीटर ऊंचाई का इंटेक वेल बनाया जाना है। 25 मीटर चौड़ाई एवं 50 मीटर लंबाई वाला गैंगवे का निर्माण के साथ 5.65 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना है। इसके अलावा प्रत्येक पांच पंचायत में जोनल जल मीनार का निर्माण किया जाना है। क्लीयर वाटर मेल 300 मिलीमीटर से 200 मिलीमीटर व्यास के 70.1-65 किलोमीटर तक बिछाना एवं वितरण का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा सुपरवाइजरी कंट्रोल एवं डाटा अधिग्रहण सिस्टम, पेयजल योजना का परिचालन एवं रख-रखाव का कार्य के साथ योजना क्षेत्र च्ें स्वच्छता संबंधी कार्य किया जाना है।

अब कहां है परेशानी :

पहले तो जमीन की पैमाइश के लिए कार्य अवरुद्ध था। जबकि जानकार सूत्रों के अनुसार जमीन की पैमाइश के साथ निबंधन भी किया जा चुका है। लेकिन विभाग की कछुए की चाल के कारण लोगों के लिए उक्त योजना मृगतृष्णा बनकर रह गई है।

लोगों ने की कार्य प्रारंभ कराए जाने की मांग

ग्रामीण पप्पु चौधरी, अजीत चौधरी, मो. वकील, अर¨वद गुप्ता, नवीन ¨सह, पूर्व मुखिया निरंजन ¨सह आदि ने सरकार एवं डीएम से अधिगृहित भूमि पर अतिशीघ्र योजना का कार्य प्रारंभ कराए जाने की मांग की है।


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