तर्पण - पिताजी से मिली कुछ नया करने की प्रेरणा
पिताजी स्व. रामबालक कुंवर मेरे लिए और पूरे समाज के लिए प्रेरणा के स्त्रोत थे। पिता से मिली
पिताजी स्व. रामबालक कुंवर मेरे लिए और पूरे समाज के लिए प्रेरणा के स्त्रोत थे। पिता से मिली प्रेरणा के बूते मुझे हर समय कुछ नया करने की ऊर्जा मिलती है। मेरे पिता हमेशा गांव समाज और देश के बारे में सोचते थे। इस कारण मेरे पिता ने कुछ अलग ही मुकाम हासिल किया था। मेरे जीवन में उनके बताए हुए आदर्श की छाप भी अमिट है। जो मुझे आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। मेरे पिता गरीबी और निश्सहाय की सेवा करने में विश्वास रखते थे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी इस प्रेरणा से आज भी मुझे सीखने को मिलता है। पिता के मार्गदर्शन से ही कोई व्यक्ति सभ्य नागरिक बनता है। उनसे विषम परिस्थिति में अडिग रहने की प्रेरणा मिलती थी। किसान रहते हुए वे हमेशा से समाज सेवा के क्षेत्र में काम करना चाहते थे और ताउम्र शिक्षा को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। यही नतीजा है कि उनके विचारधारा पर चलने के कारण मुझेआज भी प्रतिष्ठा मिल रही है।
मुकेश कुमार, शंकरपुर बखड्डा, थाना मटिहानी, जिला बेगूसराय ।