नोटबंदी से परेशान ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक
बेगूसराय। नोटबंदी के इतने दिनों के बाद भी लोगों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है।
बेगूसराय। नोटबंदी के इतने दिनों के बाद भी लोगों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस दौरान आमलोगों के साथ-साथ बैंक कर्मी भी परेशान दिख रहे हैं। बैंक की मुख्य शाखाओं के साथ-साथ सबसे ज्यादा परेशानी का सबब ग्राहक सेवा केंद्रों के संचालकों को झेलना पड़ रहा है। चूंकि उनके यहां जो भी खातेधारी हैं, वो निहायत ही गरीब-गुरबे, किसानों के अलावा बीपीएलधारी परिवार हैं। ग्राहक सेवा केंद्रों पर प्रतिदिन लोगों की हुजूम उमड़ पड़ती है। जो कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस क्रम में रुपये की लगातार किल्लत झेल रहे इन केंद्रों के संचालकों को लोगों के कोपभाजन का शिकार भी बनना पड़ता है। इन केंद्रों की बात करें तो अकेले बखरी नगर स्थित उषा कुमारी के ग्राहक सेवा केंद्र पर 15 हजार से अधिक खाताधारी हैं। जिनमें करीब 80 फीसदी महिलाओं की भागीदारी है। लोगों के हुजूम को बीते एक माह से संभालने में लगे हैं। परंतु, अब धैर्य जवाब देने लगा है। बतौर उषा की मानें तो अगर बैंकों से पर्याप्त रुपये मिलता रहे तो कोई परेशानी नहीं है। परंतु, जब मुख्य शाखा हाथ खड़ा कर देते हैं तो मुश्किलें बढ़ जाती है। साथ ही इतने ग्राहकों के बावजूद सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे हमेशा डर बना रहता है। केंद्र खुलने के समय गढ़पुरा स्थित एसबीआइ की शाखा से जुड़ा था। जब बखरी नगर के मक्खाचक में एसबीआइ की शाखा खुली तो पैसे लाने में सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां से जोड़ दिया गया है। जहां से 50 हजार रुपये से ज्यादा निकालने की अनुमति नहीं होने की वजह से इन्हें और भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि 50-50 हजार कर कई बार में इन्हें रुपये निकालने की अनुमति है। परंतु, मुख्य शाखा में रुपये नहीं रहने पर समस्या बढ़ जाती है। केंद्र संचालक किसी तरह सभी ग्राहकों के बीच हजार पांच सौ रुपये का वितरण कर लोगों को संतुष्ट करते हैं।