वर्षों से विभागीय उपेक्षा का शिकार सलौना रेलवे स्टेशन
बेगूसराय। उत्तर बिहार की प्रसिद्ध व्यवसायिक व गल्ला मंडल बखरी अनुमंडल मुख्यालय का सलौना रेल स्ट
बेगूसराय। उत्तर बिहार की प्रसिद्ध व्यवसायिक व गल्ला मंडल बखरी अनुमंडल मुख्यालय का सलौना रेल स्टेशन विभागीय उपेक्षा का वर्षों से शिकार बना हुआ है। नतीजा यहां यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है।
समस्तीपुर-सहरसा रेलखंड पर स्थित सलौना रेलवे स्टेशन विभाग को प्रतिवर्ष सर्वाधिक राजस्व देनेवाला स्टेशन है। यहां वर्ष भर में करीब आठ लाख लोग यात्रा करते हैं जिससे डेढ़ करोड़ रुपये सरकार को राजस्व प्राप्त होता है। अगर इसमें रैक पर लोड होनेवाले मक्का एवं अन्य मालभाड़ा को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा और भी अधिक होगा। यहां हाई लेवल प्लेटफार्म नहीं होने के कारण प्लेटफार्म एक व दो के मध्य उपरगामी पुल की सख्त जरूरत है। पे एंड यूज शौचालय का अभाव है। इसके अलावा पेयजल, रोशनी, यात्री शेड एवं ठहराव की कोई सुविधा नहीं है। एक एवं दो नंबर प्लेटफार्म पूरी तरह जर्जर है। क्रा¨सग के समय थ्रो पास ट्रैक पर खड़ी गाड़ियों में चढ़ने के लिए यात्रियों खासकर महिलाएं, बूढ़े, बच्चे, विकलांगों एवं बीमार यात्रियों के को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है। इस रेलखंड पर द्रुतगामी ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है। फलत: दिल्ली सहित अन्य शहरों को जानेवाले यात्रियों को खगड़िया, समस्तीपुर, बेगूसराय अथवा मोकामा या बरौनी से ट्रेन पकड़ना पड़ता है।
इधर यात्री संघ के अध्यक्ष राजेश अंबष्ट एवं सदस्य रामशंकर पासवान ने बताया कि स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बहाल करने के लिए संघ हमेशा मांग करता रहा है। बावजूद विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।