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पेशेवर राजनीति करने वालों को सबक सिखाएं : विनय

बेगसूराय । बिहार के डीएनए में जातिवाद नहीं है। बल्कि स्वार्थवादिता है। यहां के नेता अपने जा

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 08:41 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 08:41 PM (IST)
पेशेवर राजनीति करने वालों को सबक सिखाएं : विनय

बेगसूराय । बिहार के डीएनए में जातिवाद नहीं है। बल्कि स्वार्थवादिता है। यहां के नेता अपने जाति का भी भला नहीं करते। बल्कि उनको अपना बंधुआ मजदूर समझते हैं। ऐसे नेताओं को वोट देने से अच्छा है नोटा का प्रयोग करें। पांच से दस फीसदी वोटर भी नोटा का प्रयोग करने लगेंगे तो पार्टियां सुधर जाएगी। पेशेवर एवं उत्तराधिकारी की राजनीति करने वाले लोगों से बिहार का भला नहीं हो सकता है। उक्त बातें सोमवार को सूचना का अधिकार अभियान एवं प्राथमिक शिक्षक साझा मंच के संयुक्त तत्वावधान में सायोनारा होटल में सेमिनार को संबोधित करते हुए तेलंगाना के जेल महानिदेशक विनय कुमार ¨सह ने कहीं। उन्होंने कहा कि चलने को सड़क नहीं है। पढ़ने को विद्यालय नहीं है। इलाज के लिए अस्पताल नहीं है और हमलोग स्वाभिमान की बात करते हैं। जब तक बिहार विधानसभा में 243 अच्छे लोग नहीं जाएंगे, तब तक राज्य का भला नहीं हो सकता है। उन्होंने जिला, प्रखंड एवं गांव स्तर पर समिति बनाकर गांव का झगड़ा गांव में निपटाकर एक बड़ी शुरूआत कर सकते हैं। इससे ²ष्टिकोण बदलेगी और समाज स्वच्छ बनेगा। सेमिनार में विषय प्रवेश शिक्षक रंजन कुमार ने किया। मौके पर हैदराबाद के व्यवसायी लाल मोहन चौधरी, अनुपमा ¨सह, विनय कुमार आदि ने अपने विचारों को रखा।

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