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समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन व घेराव

जागरण संवाददाता, बेगूसराय : बिहार राज्य किसान सभा की जिला इकाई के तत्वावधान में सोमवार को किसान व

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 06:46 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 06:46 PM (IST)
समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन व घेराव

जागरण संवाददाता, बेगूसराय :

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बिहार राज्य किसान सभा की जिला इकाई के तत्वावधान में सोमवार को किसान व किसान नेताओं ने समाहरणालय पर प्रदर्शन व घेराव कर गिरफ्तारी दी। इससे पूर्व आंदोलन में शामिल लोगों ने शहर में जुलूस भी निकाला।

जुलूस के दौरान आंदोलन में शामिल किसान खून देंगे-जान देंगे, अपनी जमीन कभी न देंगे। खेत बचाओ-खेती बचाओ, गांव बचाओ-देश बचाओ आदि नारे लगा रहे थे। जुलूस के साथ समाहरणालय पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाकपा के पूर्व विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आज किसानों के समक्ष अपनी खेत और खेती बचाने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गांव को उजाड़ कर स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किसानों से जबरदस्ती जमीन छीनने के लिए कानून बना रही है। जिसे हम किसी कीमत पर नहीं बनने देंगे। वहीं माकपा के पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाया गया भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जन विरोधी है। माले नेता दिवाकर कुमार ने साहेबपुर कमाल के विस्थापितों को मुआवजा, पुनर्वास व नौकरी देने की मांग सरकार से की। प्रदर्शन को बिहार राज्य किसान सभा के कार्यकारी महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष कमली महतो, जिला सचिव राजेन्द्र सहनी, किसान सभा के जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह, जिला सचिव विद्यानंद यादव, बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष राम विलास सिंह, जिला सचिव रामभज्जन सिंह, आल इंडिया किसान महासभा के अध्यक्ष रमापति यादव, खेमस के जिला अध्यक्ष रामबालक सहनी, जिला सचिव चन्द्रदेव वर्मा, धर्मेन्द्र कुमार, रामप्रवेश महतो आदि ने भी संबोधित किया। समाहरणालय के घेराव व प्रदर्शन के दौरान डीएम के आदेश के आलोक में नगर थाना की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर थाना परिसर ले आई। जिसे बाद में छोड़ दिया गया।

इनसेट

प्रदर्शनकारियों की मांगें

जागरण संवाददाता, बेगूसराय :

बिहार राज्य किसान सभा की जिला इकाई द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी 13 सूत्री मांग कर रहे थे। जिसमें केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक वापस लेने, बे मौसम बारिस, तूफान व ओले से बर्बाद हुए फसलों की क्षति का मुआवजा शीघ्र देने, किसानों के गेहूं का समर्थन मूल्य दो हजार रुपए प्रति क्विंटल करने, क्रय केंद्र खोलकर किसानों की गेहूं खरीद करने, लीची की खेती में भारी नुकसान को देखते हुए किसानों को मुआवजा एवं बीमा योजना का लाभ देने, मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी पांच सौ रुपए प्रतिदिन करने तथा सालोभर कार्य की गारंटी करने, सभी भूमिहीनों के लिए वास-आवास की अविलंब व्यवस्था करने, किसानों, खेत-मजदूरों एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की उम्र 60 साल पूरा होने पर तीन हजार रुपए मासिक पेंशन देने, डा. एमएस स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने, बंधोपाध्याय कमीशन की अनुशंसाओं को लागू करने, सस्ते दर पर किसानों को सभी प्रकार खाद-बीज, कीटनाशक एवं कृषि यंत्र उपलब्ध कराने, मुंगेर रेल सह सड़क पुल में अधिग्रहित जमीन के प्रभावित परिवारों को जमीन का मुआवजा एवं नौकरी देने, जंगली पशुओं द्वारा बर्बाद की जा रही फसलों का मुआवजा किसानों को देने, किसानों के बीच वितरित की गई व की जा रही कृषि यंत्रों में लूट की उच्च स्तरीय जांच करने तथा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने संबंधी मांग शामिल थी।


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