कथा समापन के बाद राम विवाह आयोजित
संवाद सूत्र, बलिया : प्रखंड क्षेत्र के भगतपुर राम-जानकी मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय राम कथा का
संवाद सूत्र, बलिया : प्रखंड क्षेत्र के भगतपुर राम-जानकी मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय राम कथा का समापन मंत्रोच्चार व रामभजन के साथ हुआ। कथावाचक अयोध्या के राधेश्याम शास्त्री जी महाराज ने कहा, लोग मरने से डरते हैं। जबकि मृत्यु ध्रुव सत्य है। कहा, इस लोक में जो जन्म लिया है उसे मरना ही है। ऐसा ही अभिमान अयोध्या के राजा दशरथ को हुआ कि मुझे मरना नहीं है। लेकिन, जब उन्होंने दर्पण में अपना चेहरा देखा तो उजले बाल व झुर्ड़ी पड़े चेहरा देख एहसास हुआ कि अब में बूढ़ा हो गया हूं और कुछ दिन मेरी मृत्यु हो जाएगी। उनका अभिमान टूटा और हे राम, हे राम, कहने लगे। राम कथा के बाल एवं यौवन काल की चर्चा की। कथा समापन के बाद राम विवाह का आयोजन हुआ। इसमें नन्हें बालक सन्नी राम तो आर्यन सीता बनी। कथा में राकेश सिंह, रामजी सिंह, अशोक चौधरी, जयजय राम राय दीपक कुमार, विरेंद्र कुमार सिन्हा, मुनेश्वर सिंह, राजीव कुमार राय, रामाकांत सिंह, नंद कुमार सिन्हा आदि सहयोग कर रहे थे।