बारिश से सैकड़ों एकड़ सोयाबीन की फसल डूबी
संवाद सहयोगी, लाखो : लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। सैकड़ों एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल वर्षा के पानी में डूब चुकी है। फसल बर्बाद होने से किसानों में मायूसी छायी हुई है। खेतों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से किसान चिंतित हैं। मौसम की बेरुखी की वजह से सोयाबीन की फसल बर्बाद होने के कगार पर है। इससे किसानों को लाखों का नुकसान होने की संभावना प्रबल है। राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग के अनुसार 14 अगस्त को 68 मिलीमीटर, 15 अगस्त को 60 मिलीमीटर, 16 अगस्त को 20 मिलीमीटर तथा 17 अगस्त को 18 मिलीमीटर वर्षा हुई है। भैरवार के किसान मोहन सिंह ने कहा कि अत्यधिक बारिश की वजह से सोयाबीन फसल वाली खेतों में घुटने भर पानी जम गया है। सड़क निर्माण एवं स्थानीय लोगों द्वारा गृह निर्माण कर लेने से पानी का निकास अवरुद्ध हो गया है। इससे किसानों को लाखों का नुकसान होने की संभावना है। वहीं कुसमहौत, जगदीशपुर बहियार में लगी करीब तीन सौ एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल पानी में डूब चुकी है। किसान दशरथ राम, अशोक राय आदि कहते हैं। यहां का अधिकतर किसान जमींदारों का खेत लीज पर लेकर खेती करते हैं। खेतों में जल जमाव से किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी होगी। शाहपुर के पैक्स अध्यक्ष शारदानंद सिंह ने कहा कि सरकार की नीति किसानों के प्रति सही नहीं है। जिससे विभिन्न प्राकृतिक विपदा में फसल नुकसान होने पर किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। सूजा के सुधीर मिश्रा ने कहा कि इस परिक्षेत्र में करीब एक सौ एकड़ में सोयाबीन की फसल लगायी गयी है। किसान यह सोचकर सोयाबीन की फसल लगाते हैं कि खेत की तैयारी में कम खर्च आता है। लेकिन, भारी बारिश ने पानी फेर दिया। लाखो पंचायत के किसान केदार सिंह ने बताया कि कम लागत में अधिक मुनाफा देनेवाली सोयाबीन की फसल किसानों के लिए नकदी फसल है। सदर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जल जमाव एवं फसल नुकसान होने की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों से जानकारी ली जा रही है। इसके बाद विभाग कोई कार्रवाई करेगा।