एक पति की दो पत्नी, एक सेविका, दूसरी सहायिका
संवाद सूत्र, बखरी : बखरी बाल विकास परियोजना कार्यालय द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत दिये गये सूचना से एक सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। आलम यह है कि प्रखंड के चकहमीद पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या- एक पर एक ही पति की दो पत्नी वर्ष 1983 से कार्यरत हैं। एक सेविका के रूप में व दूसरी पत्नी सहायिका के रूप में करीब 31 वर्षो से अपनी सेवा दे रही हैं।
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक आवेदिका द्वारा इससे संबंधित सूचना विभाग से मांगी गयी। आवेदिका द्वारा सूचना मांगी गयी कि इनकी नियुक्ति वैध है अथवा अवैध? किंतु सीडीपीओ बखरी द्वारा पत्रांक 321 दिनांक 12.12.11 के माध्यम से सिर्फ इतना ही बताया गया है कि उक्त केन्द्र पर कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका का नाम तब्बसुम आरा व सहायिका का नाम शहनाज बेगम है। साथ ही यह भी कहा गया है कि उन दोनों के पति एक ही है जिसका नाम मो. अलीमुद्दीन है।
इसके बाद उक्त सूचना की छायाप्रति लगाते हुए आवेदिका ने समाहर्ता बेगूसराय को आवेदन देकर समाज कल्याण विभाग के मार्गदर्शिका का हवाला देते हुए कहा कि कंडिका 4.13 में वर्णित है कि एक ही परिवार अथवा निकटतम संबंधी को सेविका- सहायिका के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। अतएव केन्द्र संख्या 01 पर की गई बहाली को रद करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाय। जिला पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए पत्रांक 4342 दिनांक 31.07.14 को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के पास आवेदन को कार्रवाई के लिये भेजा। प्रोग्राम पदाधिकारी ने ज्ञापांक सं.1660 दिनांक 04.08.14 को सीडीपीओ बखरी के पत्रांक 89 दिनांक 13-03-14 के द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगे गए मार्गदर्शन के संदर्भ में कहा है कि चूकी इस संबंध में कार्यालय को चयन से संबंधित कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में चकहमीद मुखिया-पंचायत सचिव से चयन से संबंधित आमसभा बैठक पंजी सीडीपीओ कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पंजी की छायाप्रति जिला कार्यालय को भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। वहीं केन्द्र संख्या- एक, पंचायत चकहमीद को चयन से संबंधित कागजात (शैक्षणिक योग्यता) चयनपत्र सीडीपीओ कार्यालय बखरी में तीन दिनों के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है। देखना है कि उक्त रोचक मामले में आगे क्या कार्रवाई हो पाती है।
इस संदर्भ में सीओ सह प्रभारी सीडीपीओ नवीनचंद्र प्रसाद ने कहा कि मैं बैठक में हूं। जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।