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रिपोर्ट प्राप्त होने के महीनों बाद भी नहीं हो सकी है कोई कार्रवाई

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 07:08 PM (IST)
रिपोर्ट प्राप्त होने के महीनों बाद भी नहीं हो सकी है कोई कार्रवाई

श्रीकृष्ण मिश्र, बेगूसराय :

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स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नौकरी करने के कई मामले हैं। फर्जी नौकरी के मामले में ही एक कर्मी विनोद मिश्रा पर पूर्व डीएम मनोज कुमार के आदेश पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। परंतु उक्त कर्मी के साथ ही विभाग में कार्यरत दो अन्य कर्मियों की नौकरी फर्जी साबित होने से संबंधित जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के करीब पांच माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। मामला विभाग के एएनएम स्कूल बेगूसराय में पदस्थापित लिपिक शिवनंदन महतो एवं सिविल सर्जन कार्यालय बेगूसराय में पदस्थापित लिपिक नंद किशोर पंडित से जुड़ा हुआ है। दोनों कर्मी के फर्जी नौकरी से संबंधित शिकायत मिलने पर पूर्व डीएम के आदेश पर तत्कालीन सिविल सर्जन डा. सोनालाल अकेला ने मधुबनी जिला के सिविल सर्जन से जांच प्रतिवेदन मांगा था। बेगूसराय सिविल सर्जन द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में मधुबनी सिविल सर्जन ने करीब पांच माह पूर्व बेगूसराय सिविल सर्जन को जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया है। प्रतिवेदन में मधुबनी सिविल सर्जन ने स्पष्ट रुप से कहा है कि लिपिक शिवनंदन महतो के नौकरी से संबंधित उपलब्ध कराए गए दो पत्रांक में इस नाम के किसी भी व्यक्ति को विभाग में सेवा देने संबंधी पत्र जारी नहीं किया गया है। वहीं लिपिक नंद किशोर पंडित से संबंधित पत्र में कहा है कि जारी पत्रांक के पत्र में श्री पंडित का नाम नहीं है। खास बात यह कि डीएम के आदेश पर ही फर्जी नौकरी के आरोपी उक्त दोनों कर्मी का वेतन पिछले आठ माह से बंद है। परंतु दोनों के विरुद्ध न तो विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है और न ही आरोप से मुक्त किया जा सका है। यह भी उल्लेखनीय है कि लिपिक नंद किशोर पंडित से संबंधित मामले को ले हाल ही में हर्रख निवासी डा. अरविंद कुमार सिंह ने डीएम सीमा त्रिपाठी के जनता दरबार में भी आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है। यूं विभाग में हो रही चर्चा की मानें तो आरोपी कर्मियों द्वारा मामले को रफा-दफा कराने प्रयास जारी है, जो गहन जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

बोले सिविल सर्जन डा. बिरेन्द्र कुमार-जांच प्रतिवेदन प्राप्त है। परंतु मेरे स्तर पर कुछ नहीं होना है। जिला कोषागार पदाधिकारी के स्तर पर जांच चल रही है, जो पूरी नहीं की जा सकी है। जिसके कारण आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

बताते चलें कि एक ऐसे ही फर्जी नौकरी से संबंधित शिकायत को ले मधुबनी सिविल सर्जन के जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभाग के नावकोठी पीएचसी में कार्यरत स्वास्थ्य प्रशिक्षक विनोद मिश्रा के विरुद्ध तत्कालीन डीएम के आदेश पर तत्कालीन सिविल सर्जन श्री अकेला द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।


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