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प्रकृति की ताप बना खरीफ के लिए अभिशाप

बांका। दिनोंदिन बढ़ रहे सूर्य के ताप से खरीफ की खेती वृहत पैमाने पर प्रभावित हो रही है।

By Edited By: Published: Mon, 01 Aug 2016 08:24 PM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2016 08:24 PM (IST)

बांका। दिनोंदिन बढ़ रहे सूर्य के ताप से खरीफ की खेती वृहत पैमाने पर प्रभावित हो रही है। बारिश की स्थिति नहीं बन पाने से किसानों के चेहरे पर ¨चता की लकीर खींच जा रही है।

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नोनिहारी के किसान रेणु ठाकुर ने कहा कि ग्रामीणों का जीविकोपार्जन मुख्य रूप से खेती पर ही टिका है। परंतु अबकी प्रकृति का मिजाज किसानों के अनुकूल नहीं है। बिचड़ा तैयार होने के बावजूद किसान बेचारा बन बैठे हैं। क्योंकि खेत धान रोपनी के लिए अभी अनुकूल स्थिति में नहीं है। पानी नहीं बरसने से खेत में पानी नहीं हो पा रहा है। जबकि तेज धूप से बिचड़ा भी अब झूलसने लगा है। किसानों की मानें तो नदी किनारे खेत की भी स्थिति वैसी ही है। जलस्तर नीचे जाने से पटवन काफी प्रभावित हो गया है। डीजल पंपसेट की सहायता से ¨सचाई कर पाना संभव नहीं है। वहीं विभाग भी खेती की मौजूदा स्थिति से काफी परेशान है। विभाग भी मानता है कि अपेक्षाकृत कम बारिश हो रही है। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक विगत 28 अगस्त तक मात्र 24.10 फीसदी धान का आच्छादन हो पाया है। जबकि जून-जुलाई पूरे एक माह में बारिश नौ फीसदी कम हुई है। जिसकी भरपाई होना भी मुश्किल लग रहा है। इधर, जयपुर व कटोरिया सहित जिले के कई इलाकों में सोमवार को बारिश हुई है। जिससे कुछ उम्मीदें लौटी है। परंतु अभी खरीफ खेती की स्थिति पटरी पर आने में समय लगेगा। परंतु देर से हुई खेती से से उत्पादन पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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तेलहन व दलहन की हालत भी नाजुक

जिले में खरीफ दलहन व तेलहन की भी हालत ठीक नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक दलहन का आच्छादन 48 व तेलहन का 30 फीसदी ही हुआ है। जानकारी के मुताबिक पानी की कमी का असर अन्य फसलों में भी दिख रहा है। किसानों का कहना है कि अन्य फसल से क्षति-पूर्ति की संभावना बनी रहती है। परंतु सभी फसलों की स्थिति खराब हो गई है।

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अबतक खरीफ फसल का आच्छादन

फसल हेक्टेयर प्रतिशत

धान - 26631 24.10

दलहन- 1367 48.08

तेलहन- 19 06.3

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बारिश संतोषजनक नहीं हो रही है। परंतु सोमवार को कई जगह बेहतर बारिश हुई है। किसानों को डीजल अनुदान की राशि देकर ¨सचाई का प्रबंध नियमानुसार किया जा रहा है। इसके लिए आवेदन लिया जा रहा है।

सुदामा महतो, जिला कृषि पदाधिकारी।


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