मंटू ने रची थी चांदन थाना घेराव की रणनीति
बांका। पिछले 23 जुलाई को तीर धनुष के साथ तीन सौ आदिवासी के चांदन थाना घेराव की रणनीति नक्सली कमांडर मन्टू खैरा ने बनाई थी।
बांका। पिछले 23 जुलाई को तीर धनुष के साथ तीन सौ आदिवासी के चांदन थाना घेराव की रणनीति नक्सली कमांडर मन्टू खैरा ने बनाई थी। पूरे आंदोलन की वह पास में कहीं बैठ कर निगरानी कर रहा था। वह फोन पर लगातार आंदोलनकारी से बात कर रहा था। इसका खुलासा आंदोलन में ही शामिल कुछ लोगों ने किया है। बताया जाता है कि मंटू खैरा अपने छोटे भाई किस्मत की रिहाई के लिए पुलिस पर दबाव बना रहा था।
जानकार सूत्रों के मुताबिक किस्मत खैरा हार्ड कोर नक्सली मन्टू खैरा का छोटा भाई है। जिसे पिलुआ गांव की एक लड़की ने चांदन बुलाया था। इसी दौरान उसकी गिरफ्तारी हो गयी। इसलिए मंटू पिलुआ के ग्रामीणों पर आक्रोशित था। उसने खुद पिलुआ पहुंच कई युवकों की जम कर पिटाई की थी। इतना ही नहीं पुलिस से अपने भाई को छुड़वाने के लिए ग्रामीणों पर चांदन थाना घेरने का भी दबाव बनाया। पुलिस ने किस्मत की गिरफ्तारी के बाद लड़की को कटोरिया के देवासी में उसके रिश्तेदार के जिम्मे सौंप दिया। ग्रामीण मंटू की पिटाई के डर से आंदोलन में शामिल होने आ गये थे। मंटू ने एक दिन पूर्व आनंदपुर ओपी पर भी दवाब बनाने की कोशिश की थी। लेकिन वह नाकामयाब रहा। हद यह भी कि चांदन पुलिस को घेराव की एक दिन पूर्व मिली जानकारी के बाद भी वह सुस्त थी।