गड़बड़ी की शिकायत पर बीईओ ने की विद्यालय जांच
बांका। वैजाचक गांव के ग्रामीणों द्वारा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पुष्पा कुमारी की मनमानी के खिलाफ विद्यालय में की गयी तालाबंदी मामले की जांच बीईओ लक्ष्मीकांत तिवारी ने विद्यालय पहुंचकर की।
बांका। वैजाचक गांव के ग्रामीणों द्वारा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पुष्पा कुमारी की मनमानी के खिलाफ विद्यालय में की गयी तालाबंदी मामले की जांच बीईओ लक्ष्मीकांत तिवारी ने विद्यालय पहुंचकर की। उनके विद्यालय पहुंचने के साथ ही काफी संख्या में अभिभावक एवं ग्रामीण विद्यालय पहुंच गए तथा प्रधानाध्यापिका पर भवन निर्माण में किए गए अनियमितता, फर्जीवाड़ा कर बैंक खाता संचालन करने, 35 छात्रों का छात्रवृत्ति राशि गटकने व मध्याह्न भोजन नहीं बनाने सहित अन्य आरोपों की झड़ी लगा दी। साथ ही प्रधानाध्यापिका को विद्यालय स्थानांतरण करने के बाद ही विद्यालय का ताला खोलने की जिद पर अड़ गये। वहीं बीईओ, सीआरसीसी अशोक कुमार चौधरी एवं मध्याह्न भोजन आरपी मनीष कुमार ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया। तब जाकर विद्यालय का ताला खोला गया। इसके बाद बीईओ ने सभी रजिस्टर की जांच की। जिसमें प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापिका की गलती पाते हुए मौके पर उसे न्यू प्राथमिक विद्यालय मनसरपुर में प्रतिनियुक्ति का आदेश दे दिया। उन्होंने प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए विद्यालय के शिक्षक संजीव कुमार ठाकुर को प्रभार दिया। मनसरपुर विद्यालय की शिक्षिका को बैजाचक विद्यालय में प्रतिनियुक्त करने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया। मौके पर मौजूद पूर्व पंसस सुधीर ¨सह, सेवानिवृत्त शिक्षक भैरो प्रसाद राय आदि ने बताया कि वीएसएस की सचिव अनपढ़ है। इसका फायदा उठा कर प्रधानाध्यापिका ने बैंक में फर्जी तरीके से खाता खुलवाकर राशि निकासी कर ली है। जो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। ज्ञात हो कि शुक्रवार को वार्ड सदस्य सह वीएसएस अध्यक्ष पंकज कुमार दास विद्यालय पहुंचकर मध्याह्न भोजन की जानकारी प्रधानाध्यापिका से मांगने पर वे भड़क गई और धमकी भरे लहजे में विद्यालय से बाहर जाने के लिए कह दिया। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में जमकर हंगामा करते हुए विद्यालय में तालाबंदी कर दिया था। बीईओ ने कहा कि प्रधानाध्यापिका पुष्पा कुमारी को मनसरपुर तथा मनसरपुर की शिक्षिका चन्द्रकला कुमारी को बैजाचक विद्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा लगाये गये सभी आरोपों की जांच की जायेगी। जांच में दोषी पाये जाने पर प्रधानाध्यापिका पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।