शराब कारोबारियों की स्पीड पर नहीं लग रहा पावर ब्रेक
बांका। राज्य में लागू शराबबंदी कानून के बाद हत्या सहित अन्य आपराधिक घटनाओं से अधिक शराब कारोबार से ज
बांका। राज्य में लागू शराबबंदी कानून के बाद हत्या सहित अन्य आपराधिक घटनाओं से अधिक शराब कारोबार से जुड़े मामले दर्ज हो रहे हैं। इसके बाद भी इस कारोबार पर पूर्ण रूप से रोक नहीं लग सकी है। चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विगत एक अप्रैल 2016 से राज्य में पूर्णत: शराबबंदी की घोषणा की है। इस क्रम में पुलिस को कई दिशा निर्देश भी दिए गए लेकिन पड़ोसी राज्य झारखंड में शराब की बिक्री होने से जिला होकर शराब की खेप ले जाने का सिलसिला जारी रहा। इस क्रम में पुलिस को कई बार बड़ी सफलता भी मिली है।
जानकारी के अनुसार शराबबंदी के बाद से इससे जुड़े मामले की संख्या 235 तक पहुंच गई है। जबकि विगत साल हत्या के मामले ने 60 को छूआ था। इस दौरान पुलिस ने पांच दर्जन से अधिक वाहनों की जब्ती है। वहीं, इस कारोबार से जुड़े 320 लोगों को जेल भी भेजा जा चुका है। पुलिस की सबसे बड़ी उपलब्धि बौंसी में शराब बरामदगी में हुई थी। लगभग 2400 बोतल शराब के साथ अंतरराज्यीय शराब तस्कर गिरोह को पकड़ने में सफलता प्राप्त हुई थी। इसी गिरोह के निशानदेही पर झारखंड राज्य के देवघर में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री को बांका पुलिस ने उद्भेदन करने में सफलता पायी थी। इस दौरान चार लोग भी पकड़े गए थे। जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। वहीं, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश ने इसकी रोकथाम के लिए बार्डर पर ट्रक स्कैनर लगाने का भी प्रस्ताव सरकार को भेजा था लेकिन यह मामला फाइलों में ही दौड़ रहा है। वैसे, एसपी राजीव रंजन ने शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए सभी थाना को अलर्ट कर दिया है।
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अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ पुलिस सख्ती से निपट रही है। बड़े कारोबारियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाने के लिए भी पुलिस प्रयासरत है।
राजीव रंजन, एसपी, बांका।