अबकी दीवाली के बाजार पर भारी पड़ रही देशभक्ति
बांका। देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर लोग एकजुट होने लगे हैं। चीन के आर्थिक
बांका। देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर लोग एकजुट होने लगे हैं। चीन के आर्थिक दोहन को बंद करने में समाज का अंतिम व्यक्ति भी जुट गया है। चाइनीज सामानों का खुल कर विरोध हो रहा है। वहीं अब स्वहित नहीं देशभक्ति की प्रेरणा से लोग अपना पर्व भी मनाना चाहते हैं। नतीजा चाइनीज सामानों के थोक या खुदरा विक्रेताओं की ¨चता बढ़ गई है। दरअसल, दुर्गापूजा के बाद दिवाली व छठ के लिए दुकानदारों ने बढ़ी संख्या में चाइनीज माल का स्टॉक किया है। लेकिन, पर्व से पहले ही लोगों के चाइनीज सामानों के विरोध से उनकी परेशानी बढ़ गई है।
इस संबंध में दुकानदार रवि किशोर ने बताया कि लोग समान लेने से पहले ही चाइनीज सामान नहीं दिखाने की बात कहते हैं। कम कीमत पर भी चाइनीज सामान लेने के लिए तैयार नहीं है। साफ कहते हैं कि एक ही लेंगे परंतु देशी लेंगे। इससे बाजार भर के दुकानदारों की समस्या जटिल होती जा रही है। एक-एक दुकानदारों ने लाखों का सामान स्टॉक किया है। जो, बेकार हो रहा है।
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महंगा होगा दिवाली व छठ का बाजार
चाइनीज सामान के विरोध से दिवाली व छठ का बाजार महंगा हो सकता है। लिहाजा इस मौके पर बिकने वाली फूलझड़ी, पटाखा, कप-प्लेट, बल्ब, सतरंगी आदि चाइनीज सामान आम तौर पर सस्ता होता है। भले ही स्वास्थ्य व पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक है। लेकिन अब चाइनीज सामानों के विरोध के बाद देसी चीजें महंगी हो सकती है।