वार्षिकोत्सव पर कई पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
बांका। जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 38वां वार्षिकोत्सव रविवार को आइडियल अकादमी प्रशाल के आनंद कॉलो
बांका। जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 38वां वार्षिकोत्सव रविवार को आइडियल अकादमी प्रशाल के आनंद कॉलोनी में मनाया गया। इस अवसर पर टीएनबी कॉलेज हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रामचन्द्र घोष ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। वहीं मंच संचालन शंकर दास ने किया।
मौके पर प्रो. राम नरेश भगत की पुस्तक 'पराग और सुमन', राजेश कुमार रजनीश की 'अक्षर के फूल', अनिरूद निर्मल की 'विमल सतसाई' सहित धनंजय मिश्र की 'वामन के डेग' पुस्तक का लोकार्पण किया गया। दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी में जिला के कई सम्मानित कवियों ने अपने काव्य से देश की राजनीतिक स्थिति पर गहरा प्रहार किया। इसके अलावा साहित्यिक अंदाज में घोटाला, अपराध व शैक्षणिक व्यवस्था से भी लोगों को रूबरू करवाया। इस दौरान कवि राम चन्द्र घोष ने कहा कि ऐसे उठो जैसे चांद को चूमने उठती सागर की लहरें हो। शंकर दास ने कहा कि हर वह सवाल जिसका जवाब न हो, जरूरी नहीं कि वह लाजवाब हो। इधर अचल भारती ने भी देश की हालिया स्थित पर वार किया। नंद किशोर कर्ण प्रेमधन ने शिक्षा जगत पर प्रहार करते हुए कहा कि मेरिट घोटाला का हुआ खुलासा। काव्य गोष्ठी में उपस्थित सोम कृष्ण ने जात-पात को भूल लोगों को आपस में प्रेम भाईचारा बढ़ाने पर बल दिया। इस अवसर पर आशीष महासागर ने कहा कि साहित्य की अपनी अलग ही दुनियां है। जहां ने तो कोई गैर है और न ही कोई पड़ोसी। इसके अलावा कार्यक्रम में कवि अम्बिका झा, निवास ¨सह, लक्ष्मण मंडल, डॉ. आशा रानी, राम किशोर ¨सह, शिव कुमार शिव, सरयुग सौम्य, प्रभाकर सुमन, डॉ. अली इमाम, दीनानाथ प्राण, प्रवीण कुमार, डॉ. रशिम सहित अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ किया। मौके पर शहर के बुद्धिजीवी, छात्र सहित अन्य लोग उपस्थित थे।