प्राथमिक विद्यालय मादाचक के दर्जनभर छात्र गंभीर बीमारी से ग्रस्त, रेफर
बांका। सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। खासकर प्
बांका। सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। खासकर प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में एमडीएम, पोशाक, छात्रवृत्ति सहित अन्य सरकारी प्रोत्साहन देकर शिक्षा की नींव मजबूत करने का प्रयास में लगी है। लेकिन सरकार के इन तमाम प्रयासों के बाद भी सरकारी बाबुओं की लालफीताशाही के कारण प्राथमिक विद्यालय मादाचक के दर्जन भर छात्र गंभीर बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं। जिसका खुलासा पिछले दिनों जांच टीम की रिपोर्ट पर हुआ है। दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मोबाइल हेल्थ टीम ने विद्यालय में शिविर आयोजित कर स्कूली छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण किया था।
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बच्चों में मिली फेफड़े व कान की बीमारी जिसमें विद्यालय में अध्यनरत सौरभ कुमार, शुभम कुमार, ललन कुमार, रासमणि कुमारी, शेखर कुमार सहित लगभग एक दर्जन छात्रों में मिट्टी एवं धूल की अत्यधिक मात्रा से फेफड़े व कान की बीमारी पाई गई थी। जबकि अधिकतर बच्चों में विद्यालय परिसर में उड़ते धूल कण से कई जानलेवा बीमारी से संक्रमित होने का खतरा पाया गया। वहीं सभी बीमारी से ग्रसित बच्चों को उचित उपचार के लिए टीम ने जांचोपरांत ओटीटीस मीडिया मेंटल रिटार्डेसन के लिए रेफर कर दिया है। वहीं म डिकल टीम की इस रिपोर्ट पर विद्यालय में अध्यनरत छात्रों के अभिभावकों में कोहराम मच गया है।
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बच्चों को दिया गया था स्वास्थ्य कार्ड
मेडिकल टीम के डॉ. एसके शर्मा ने बताया कि इस तरह की बीमारी अत्यधिक धूल कण से होती ह । सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य कार्ड मुहैया करा दिया गया है। ताकि बच्चों को भविष्य में इलाज कराने में परेशानी नहीं हो सके।
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विद्यालय में कमरे का अभाव
ग्रामीण सह पंसस ई. नीरज कुमार ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय मादाचक में कुल 337 छात्र नामांकित हैं। लेकिन बच्चों को पढ़ने के लिए एक भी कमरा नहीं है। विद्यालय के सभी आधे दर्जन कमरे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। जो कभी भी जमींदोज हो सकते हैं। इसलिए शिक्षकों द्वारा बच्चों को विद्यालय परिसर के खुले मैदान में पढ़ाया जाता है। उन्होंने बताया कि जेठौर बालू घाट से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ट्रक एवं हाइवा से प्राथमिक विद्यालय के सामने मुख्य मार्ग से गुजरते हैं। जिसके कारण वाहनों के परिचालन से उड़ते धूल कण से पूरा विद्यालय प्रभावित रहता है।
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मादाचक में होगा चक्का जाम
उन्होंने कहा कि बालू लदे वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए ग्रामीणों एवं उनके द्वारा प्रयास किया गया। लेकिन स्थानीय पदाधिकारी के उदासीन रवैये के कारण ग्रामीणों का प्रयास बेअसर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय पदाधिकारी द्वारा शीघ्र बालू लोडेड वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाया गया तो शीघ्र ही ग्रामीण एवं उनके द्वारा मादाचक विद्यालय के समीप चक्का जाम किया जाएगा।