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बोल रही जनता, अब नहीं दुख होगा सहन

बांका। भागलपुर-हंसडीहा सड़क मार्ग की जर्जर स्थिति को देखने के बाद विकास की ढोल पीटनेवाली सरकार की हव

By Edited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 02:23 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 02:23 AM (IST)
बोल रही जनता, अब नहीं दुख होगा सहन

बांका। भागलपुर-हंसडीहा सड़क मार्ग की जर्जर स्थिति को देखने के बाद विकास की ढोल पीटनेवाली सरकार की हवा निकल जायेगी। तीन दिन के बाद विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरु है। ऐसी स्थिति में इस मार्ग की जर्जर हालत पर हर कोई चिंतित है।

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कहां जाता है कि सड़क विकास की आईना होता है। सुगम सड़कों पर सफर करना लोगों की लालसा रहती हैं , लेकिन इस मार्ग की सड़कों की दुर्दशा का संकट राहगीरों के दिनदर्चा तक को प्रभावित कर दिया है।

जर्जर सड़कों की वजह से आवागमन में यात्रियों को यातनाएं झेलनी पड़ रही है। इस मार्ग की दुर्दशा ने प्रशासनिक तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है। करोड़ों की लागत से बनी भागलपुर -हंसडीहा मार्ग की जर्जर सड़कों पर हिचकोले खाती जिंदगिया अब समस्याओं के भंवर में फस कर बेदम हो रही है। तमाम प्रयासों के बाद भी इस मार्ग कि स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। बाराहाट से खड़हारा नेमुआ तक कि स्थिति तो और भी बद बदतर है।

नहीं बदली स्टेट हाईवे की सुरत

भागलपुर- हंसडीहा मार्ग पूर्ण रुप से गड्ढे में तब्दील है। हल्की वर्षा होने पर ही मार्ग पर यात्रा करना जोखिम भरा हो जाता है। लोगों को इस मार्ग पर यात्रा करने पर नारकीय यातना भुगतनी पड़ती है। हर रोज इस मार्ग पर जाम से जूझते वाहनों को रेंगते देखा जा रहा है।

जर्जर सड़कों पर चलने को मजबूर है क्षेत्रवासी

वर्षो से इस पथ में बड़े -बड़े गड्ढे उभरे है। आनेजाने वालों की समस्या गंभीर है। जो अंत होने का नाम नहीं ले रही है। उन्हें इस बात की कसक है कि क्या सड़क समय सीमा तक दुरुस्त हो जायेगी। सुबोद माझी, मंदेश्वरी चौहान की मानें तो वे क्षेत्रीय है। इस मार्ग को बनते भी देखा व बिखरते भी । आज बड़े -बडे गड्ढे है। लेकिन यह न तो विभाग को ही नजर में आता है और न ही निर्माण एजेंसी को। कछुआ चाल से हो रही मरम्मती कार्य

इस सड़क की निविदा 11 जुलाई को खुला था । प्रशासन ने निर्माण एजेंसी को 12 जुलाई से कार्य प्रारंम्भ करने को आदेश दिया था। समय के अनुरुप कार्य शुरु कर दिया गया लेकिन मंद गति से चल रहे कायरें से इस मार्ग पर जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया हैं। मरम्मती के लिए प्रशासन द्वारा 20 दिनों का समय सीमा तय किया गया था, लेकिन 17 दिन बीत चुके है सड़को का अब भी बुरा हाल बरकरार है। अब तो अधिकारी इस दिशा में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं

जानकारी मिली है कि मरम्मती के लिए विभाग द्वारा 50 लाख राशि आवंटित की है। संवेदक द्वारा 10 प्रतिशत बीएलओ डाले जाने के कारण इसकी राशि 44 लाख कर दिया गया है। ज्ञात हो कि बौंसी -भलजोर से जगदीशपुर शराब फैक्ट्री तक कुल 48 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना था। लेकिन ढ़ाकामोड़ से भेड़ामोड़ तक तीन किलो मीटर सड़क अब एनएच में आ जाने से कार्य रुक गया। इस बाबत पथ निमार्ण विभाग के पदाधिकारी ने कहा कि सड़कों की समस्या गंभीर है। लेकिन इस दिशा में कार्य प्रारंभ है। जल्द ही सड़को को दुरुस्त कर दिया जायेगा।

सरकार को लिखेंगे पत्र

जर्जर सड़क की खराब स्थिति पर कांग्रेस नेता सह सहकारिता बैंक अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार को पत्र लिखेंगे। राशि आवंटित होने के बाद भी कछुआ गति से सरकार की बदनामी हो रही है।


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