सैप जवानों का बसेरा: किसी काल कोठरी से कम नहीं
संवाद सूत्र, जयपुर (बाका) : नक्सल प्रभावित जयपुर ओपी को भले ही नया भवन मिल गया हो। मगर आम लोगों की स
संवाद सूत्र, जयपुर (बाका) : नक्सल प्रभावित जयपुर ओपी को भले ही नया भवन मिल गया हो। मगर आम लोगों की सुरक्षा में तैनात सैप जवानों की परेशानी कम नहीं हुई है। इस भीषण गर्मी में कार्यरत जवानों के लिए एस्बेस्टस से बना बैरक किसी काल कोठरी से कम साबित नहीं हो रहा है। आठ-नौ बजते ही जवानों का डेरा हॉट रूप बन जाता है। जवानों को डयूटी से आने के बाद आराम हराम हो जाता है। ऐसे में दिन भर थाने की सुरक्षा में तैनात जवान पछुआ हवा का थपेड़ा खाते हुए बरगद पेड़ के नीचे डेरा जमाने को मजबूर है।
जवान रंजेश कुमार सिंह, अनिल कुमार, कुष्णकान्त, विनय कुमार, हरेरराम राय, उदय सिंह ने बताया कि 14 जवानों को रहने के लिए 15 बाय 35 फिट का कमरा में न तो सही रुप से खिड़की है और ना ही पंखा। खाना बनाने का भी अलग से व्यवस्था नहीं रहने के चलते उसी में खाना बनाना व बेड पर खाना खाना पड़ता है। बैरक का छत इतना नीचा है कि आठ बजे ही उसमें दम घुटने लगता है। वहीं स्नान के लिए मात्र एक चापाकल रहने से जवानों को अपने बारी का इंतजार करना पड़ता है। जवानों के लिए शौचालय नहीं है। इस कारण खुले मैदान में जाना पड़ता है। जवान कमलेश कुमार, रामचंद्र राय, सर्वजीत सिंह, शिव श्ाकार सिंह, राजेन्द्र महतो आदि ने कहा कि दस साल से सैप जवान सरकार को अपनी सेवा दे रहा है पर सरकार सुविधा नहीं दे रही है। जवानों ने अपनी उपेक्षा व व्यवस्था के खिलाफ नौ जून से सामूहिक हड़ताल पर जाने की बात कही है। इधर थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया कि सरकार की जो व्यवस्था है। उसी में हमें काम करना है।