धान बेचने वाले किसान अभी कंबल तान कर सोईये..
संवाद सूत्र, बांका : किसान भाईयो अगर आपको अबकी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचना है तो ठंड भर कंबल त
संवाद सूत्र, बांका : किसान भाईयो अगर आपको अबकी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचना है तो ठंड भर कंबल तान कर सोईये। समर्थन मूल्य पर तीन सौ रूपया बोनस की बात तो काफी दूर है। अभी आपको 1360 रूपया क्विंटल कीमत लेना भी महंगा पड़ सकता है। पैसे की खूब जरूरत पड़ने पर बिचौलिये के हाथ धान बेचिये। जी, हां में बांका में धान खरीद को लेकर अब तक किया गया सरकारी इंतजाम इसी ओर इशारा कर रहा है। खरीद का एक महीना से अधिक समय निकल जाने के बाद भी प्रशासन धान खरीद की तैयारी नहीं कर सका है। शनिवार को जिलाधिकारी ने इस निमित्त सभी पैक्स अध्यक्षों की बैठक बुलाई थी। उम्मीद थी कि इस बैठक में किसानों के राहत भरी खबर निकलती। पर बैठक बुलाकर डीएम ही नहीं आये। इस पर पैक्स अध्यक्षों ने समाहरणालय प्रशाल में खूब हो हंगामा किया। तब डीएम के आदेश पर डीडीसी प्रदीप कुमार और एसएफसी डीएम मनोज कुमार सिंह बैठक में पहुंचे। इस बैठक में सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह भी शामिल हुए। करीब घंटे भर की मेहनत के बाद भी धान खरीद शुरू होने की दिशा में कोई सकारात्मक बातें नहीं हो सकी। नतीजा, डीडीसी को बैठक बेनतीजा समाप्त करना पड़ा। इस बैठक में डीसीओ संजय मंडल भी शामिल हुए। बैठक से जो बात छन कर सामने आयी, विधिवत खरीद शुरू करने में प्रशासन को अभी काफी कुछ करना होगा। एसएफसी के पास धान रखने का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। उस पर भी सरकार ने अबकी बैंक एकाउंट के माध्यम से किसानों के भुगतान का फैसला लिया है। इस सिस्टम में पैक्सों को खरीद के लिए कोई पैसा नहीं मिलेगा। बैठक में पैक्सों ने सीओ को किसानों की पहचान का जिम्मा दिये जाने पर भी कड़ा ऐतराज जताया। फिर किसान धान का पैसा कब और कहां लेंगे इस पर भी सहमति नहीं बन सकी। किसानों को तीन सौ रूपया बोनस देने संबंधी घोषणा भी पत्र नहीं आने के कारण स्पष्ट नहीं हो सकी। बहरहाल, इस सबके बावजूद किसान अभी हिम्मत नहीं हार, धान की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।