अंतिम अर्घ्य के साथ ही भंग हुआ स्वच्छता का मंत्र
संवाद सहयोगी, बांका: छठ पूजा को लेकर पिछले दो-तीन दिनों से नदियों को निर्मल करने का अभियान चल रहा था
संवाद सहयोगी, बांका: छठ पूजा को लेकर पिछले दो-तीन दिनों से नदियों को निर्मल करने का अभियान चल रहा था। प्रशासन से लेकर स्थानीय लोग भी इसके लिए पूरी तरह तत्पर दिख रहे थे। लेकिन, अंतिम अर्घ्य के साथ ही गुरूवार को लोगों ने नदियों के स्वच्छता के संकल्प को चकनाचूर कर दिया। पावन नदी में कोई छठ का कचड़ा तो केले का थंभ और प्रतिमा विसर्जित करने पहुंच गया। यह नजारा उसी घाट का था, जहां बुधवार शाम तक स्वच्छता अभियान चल रहा था। सबसे पहली गलती या मजाक पूजा समिति ने की। तारामंदिर प्रांगण में छठ पूजा समिति सुबह तक स्वच्छता का मंत्र बांट रहे थे। परंतु अर्घ्य देने के बाद घाट पर स्थापित प्रतिमा को ओढ़नी नदी में ही वहीं प्रवाहित कर दिया। कुछ आमजन जब थोड़ी देर बाद नदी पहुंचे तो उन्हें मूर्ति पानी में तैरती रही। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में भक्तों ने पूजा के बाद केला का थंभ और फलों का अवशिष्ट वहीं प्रभावित कर दिया। जिससे वहां नदी एक बार फिर गंदगी की चपेट में आ गयी।